रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कोरोना को लेकर चल रहे लॉकडाउन के तीसरे दिन शुक्रवार को बड़ी घोषणा की। उन्होंने कहा कि देश के दूसरे हिस्सों में फंसे झारखंड के लोगों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। राज्य सरकार हरदम उनके साथ है और उन्हें वहीं मदद पहुंचायी जायेगी। हेमंत ने यह बात बाहर फंसे झारखंडियों के संदेश के जवाब में कही। हेमंत सोरेन ने बाहर फंसे झारखंडियों की गुहार पर तत्काल एक्शन लिया और संबंधित राज्यों से संपर्क कर मदद पहुंचाने का आग्रह किया। सीएम की पहल का परिणाम भी निकला और दिल्ली, चेन्नई और कोलकाता समेत दूसरी जगहों पर फंसे झारखंड के लोगों को मदद मिली। सीएम ने कहा कि हर राज्य के लिए अलग-अलग अधिकारियों को नोडल अफसर बनाया गया है, जो वहां की सरकार से संपर्क में हैं। ये अधिकारी हर समय उपलब्ध हैं।
इस बीच सीएम की पहल के बाद मुख्य सचिव डॉ डीके तिवारी ने लॉकडाउन के बाद की स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा की। इस दौरान कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव और लॉकडाउन के लिए बनी राज्यस्तरीय समितियों के नोडल पदाधिकारियों ने वर्तमान परिस्थिति पर अपने विचार और सुझाव साझा किये। लॉकडाउन के बाद विभिन्न प्रदेशों में फंसे झारखंड वासियों द्वारा लगातार वापस घर लाने के आग्रह को देखते हुए सभी विकल्पों पर विचार किया गया। मुख्य सचिव ने कहा कि झारखंड के जो लोग अन्य प्रदेशों में जहां हैं, वहीं बने रहेंगे। उन राज्यों के शासन और प्रशासन से संपर्क कर झारखंड वासियों की मूलभूत जरूरतों को वहीं पूरा कराया जायेगा। इसके लिए मुख्य सचिव ने निर्देश दिया कि जल्द से जल्द बाहर के प्रदेशों में फंसे लोगों की संख्या, पता-ठिकाना आदि की मुकम्मल जानकारी लेकर उन तक स्थानीय स्तर पर सुविधा पहुंचाने का प्रयास शुरू करें। उन्होंने कहा कि इसके लिए सीधे वहां के कलेक्टरों से संपर्क कर झारखंड वासियों की सूची प्राप्त करें और उनकी जरूरतों की जानकारी प्राप्त करें। अगर जरूरी हो तो राज्य सरकार झारखंड वासियों को सुविधा उपलब्ध कराने के एवज में वहां के कलक्टरों को सीधे राशि भी देगी। बैठक में आवश्यक वस्तुओं की किल्लत नहीं होने देने के लिए मुकम्मल व्यवस्था करने का निर्देश भी दिया गया।