रांची। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने रविवार को ट्वीट करके कहा कि विपक्षियों पर जांच एजेंसियों की कार्रवाई को जुल्म बता न्यायालय की शरण में जाने वाले विपक्षी दलों में झामुमो भी शामिल है। राजनैतिक कंपनी के मालिक एवं एक्सीडेंटल उत्तराधिकारी हेमंत सोरेन अपने दिल पर हाथ रखें। यह बताएं कि उनके महा लूट का विरोध करने वालों के साथ सत्ता के दम पर पुलिस का दुरुपयोग और जुल्म करने में उन्होंने क्या कसर उठा रखी है।

उन्होंने कहा कि सिर्फ सोशल मीडिया टिप्पणी को लेकर 160 से भी ज़्यादा भाजपा कार्यकर्ताओं, समर्थकों पर मुकदमा करवा दिया गया। जेल भिजवाने, धारा 107 में लोगों को जेल में बंद कराने का भी काम राज्य में हुआ है। यहां तक कि विरोध में आवाज उठाने वाले आदिवासी युवाओं, सांसदों, विधायकों के सहयोगियों, परिवार वालों तक पर झूठे मुकदमे कर जेल भिजवाने का रिकॉर्ड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बनाया है। जब राज्य सरकार के खुद के लूट पापों का भांडा फूट रहा है तो वे तड़प क्यों रहे हैं।

उन्होंने कहा कि न्यायालय से दो साल की सजा हो जाने पर सदन की सदस्यता समाप्त हो जाने के विषय पर 2013 में ही राहुल गांधी ने अपनी मुहर लगा दी थी। इसमें संशोधन का बिल फाड़ दिया था। फिर आज ये कांग्रेसी किस मुंह से इसके विरोध का स्वर निकाल रहे हैं। देश में अलग-अलग लोगों के लिये अलग-अलग नियम थोड़े न है? बेहतर होगा कि कांग्रेस देश के किसी भी न्यायिक कानून, जांच एवं सजा के प्रावधान से राहुल गांधी राज परिवार एवं वंशवादी सत्ताधारियों को अलग रखने का कानून बनाने के लिये आंदोलन करे।

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