आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। विधायक सरयू राय ने मंगलवार को फिर विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो को पत्र लिखा। उसमें उन्होंने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर सदन की अवमानना की कार्रवाई करने की अपील की है। इसके साथ ही उन्होंने पत्र के माध्यम से अतिरिक्त तथ्य को रखा। विधायक ने स्वास्थ्य मंत्री पर सदन में गलतबयानी और सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दौरान 21 मार्च मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाओं की खरीद में अनियमितता पर कार्रवाई करने के संबंध में मेरा अल्पसूचित प्रश्न सूचीबद्ध था। आसन द्वारा मुझे पूरक पूछने का निर्देश दिया गया। लेकिन, मैं एक ही पूरक प्रश्न कर सका। उसमें पूछा कि भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय तथा स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा भारत सरकार के लोक उपक्रमों से दवाएं खरीदने का दिशा-निर्देश सरकार के लिए बाध्यकारी है या सलाहनुमा है। इस पर स्वास्थ्य मंत्री ने उत्तर दिया कि बाध्यकारी है। उसके बाद अव्यवस्था हो जाने के कारण आसन द्वारा सदन की कार्यवाही 12 बजे दिन तक स्थगित कर दी गयी। इस वजह से मैं शेष पूरक प्रश्न नहीं पूछ सका। लेकिन, मेरे एक ही पूरक प्रश्न का जो उत्तर मंत्री ने दिया, वह सरासर गलत है। इस उत्तर से उन्होंने सदन को गुमराह किया है। सदन के सामने असत्य कहा है और अपना भ्रष्टाचार छुपाने की कोशिश की है। सरयू राय ने विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष भारत सरकार के रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के पत्र की प्रति प्रस्तुत की। उसमें रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय ने स्पष्ट कहा है कि सरकारी संस्थाओं से ही दवा खरीद करना बाध्यकारी नहीं है। विधायक ने बताया कि यह उन्होंने रेलवे के सवाल के उत्तर में दिया है। वहीं, उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि स्वास्थ्य मंत्री ने इस बारे में सदन को गुमराह किया है और असत्य कहा है।
सदन के सामने रखना चाहता था प्रमाण: सरयू राय
इस दौरान सरयू राय ने कहा कि इसके अलावा अतिरिक्त कई ऐसे प्रमाण हैं, जिन्हें वह सदन के सामने रखना चाहते थे। उन्होंने कहा कि परंतु मेरे एक पूरक के बाद से सदन अव्यवस्थित हो जाने के कारण आसन द्वारा सदन को स्थगित कर दिया गया। लेकिन, मेरा एक पूरक प्रश्न का ही जो उत्तर स्वास्थ्य विभाग ने दिया, वह सदन को गुमराह करनेवाला है। वहीं, उन्होंने कहा कि उपर्युक्त के आलोक में स्वास्थ्य मंत्री के विरुद्ध अवमानना की कार्रवाई चलाने का अनुरोध करता हूं।