आजाद सिपाही संवाददाता
RANCHI। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद दीपक प्रकाश ने 21 मार्च मंगलवार को राज्यसभा में खान कोयला मंत्रालय से संबंधित सवाल पूछे। जिसमें प्रकाश ने जानना चाहा कि भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) के पास भूवैज्ञानिक मानचित्रों के व्यापक संग्रहण, असामान्य प्रकार के पत्थर, स्थलाकृतियों, महत्वपूर्ण जीवाश्म स्थलों आदि के अभिरक्षण का ब्योरा क्या है। साथ ही सरकार के पास तत्संबंधी नीति क्या है?

कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी का जवाब
इस दौरान प्रकाश के सवाल का जवाब केंद्रीय संसदीय कार्य, खान एवं कोयला मंत्री प्रहलाद जोशी ने दिया। जिसमे उन्होंने बताया कि जीएसआई के पास मानचित्रों का व्यापक संग्रहण है, जो जीएसआई के पोर्टल पर भी उपलब्ध है। जोशी ने बताया कि भारत सरकार की नीति के तहत जीएसआई ने शिक्षा और भावी पीढ़ी के लिए देश के विशिष्ट और अमूल्य भूवैज्ञानिक अजूबों को संरक्षित करने और बचाने के उद्देश्य से विभिन्न पत्थर स्मारकों, जीवाश्म पार्को, स्तरीक भूवैज्ञानिक खंडों को शामिल किया गया। साथ ही बताया कि देश के विभिन्न भागों में स्थित 32 भूवैज्ञानिक विरासत स्थलों की पहचान की है। जो देश के विभिन्न राज्यों में स्थित है।

राजमहल फॉर्मेशन के इंटर ट्रेपियन बेड वाले पादप जीवाश्म पार्क

राज्यसभा में जोशी ने बताया कि झारखंड के साहिबगंज जिला अंतर्गत राजमहल फार्मेशन के इंटर ट्रेपियन बेड वाले पादप जीवाश्म पार्क (फॉसिल्स पार्क) भी शामिल है। इसके अलावा आंध्र प्रदेश में 4 छत्तीसगढ़ में 1 हिमाचल प्रदेश में 1 कर्नाटक में 4 केरल में 2 महाराष्ट्र में 1 नागालैंड में 1 राजस्थान में 10 सिक्किम में 1 और तमिलनाडु में 4 स्थल चिन्हित हैं।

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