रांची। झारखंड विधानसभा के अंतिम दिन गुरुवार को भाजपा विधायक सीपी सिंह ने 2006 से 2011 पांच साल तक जमशेदपुर की तत्कालीन चिकित्सा प्रभारी रेणुका चौधरी के बिना ड्यूटी पर गये फर्जी हस्ताक्षर कर वेतन उठाने का मामला सदन में उठाया।
उन्होंने सरकार से पूछा था कि जब फर्जी हस्ताक्षर की बात सरकार स्वीकार कर रही है तो फिर क्या कार्रवाई करना चाहती है? इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि यह मामला उच्च न्यायालय में है, वहां से जो निर्देश आएगा उसके अनुरूप कार्रवाई करेंगे। इस पर सीपी सिंह ने कहा कि जवाब में तो हाई कोर्ट का जिक्र ही नहीं है। आप यह स्पष्ट करें कि कब और क्या कार्रवाई करने जा रहे हैं।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि बतौर मंत्री मैं यह स्वीकार करता हूं कि विभागीय अधिकारियों ने गलत जवाब भेजकर मुझे और सदन को गुमराह किया है। जवाब तैयार करने वाले अधिकारियों को निलंबित कर कार्रवाई करेंगे। मंत्री ने कहा कि रेणुका चौधरी मामले में पांच बिंदुओं पर जांच हुई थी, जिसमें से चार में उन्हें दोषमुक्त कर दिया गया है।
उधर, सत्ता पक्ष के विधायक प्रदीप यादव ने भी उन्हें घेरते हुए कहा कि मंत्री को विधायकों के सवाल का जवाब देखकर फाइल में हस्ताक्षर करना चाहिए। इसपर बन्ना गुप्ता बौखला गये। उन्होंने कहा कि प्रदीप बाबू आप बाल का खाल मत निकालिए। आप भले ही मंत्री रहे हैं लेकिन उतने भी विद्वान नहीं हैं। प्रदीप यादव ने फिर से हस्तक्षेप किया तो उन्होंने कहा कि ठीक है, हम सीपी सिंह से ट्यूशन पढ़ने जायेंगे।
बन्ना गुप्ता ने कहा कि यह रघुवर सरकार के समय का मामला है। पिछली सरकार के अफसरों ने इसमें गलत जवाब दिया था। जांच भी गलत हुई थी। वर्तमान में भी अफसरों ने जो जवाब दिया है वो गलत है। जवाब देने वाले अधिकारियों पर वे कार्रवाई करेंगे। क्योंकि, मामला हाई कोर्ट में है और अधिकारी इसपर गलत जवाब देकर सदन को गुमराह कर रहे हैं। इसपर प्रदीप यादव ने कहा कि मंत्री को सदन में आने से पहले अधिकारियों के दिये गये जवाब को पढ़कर आना चाहिए था।