जयपुर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मानहानि केस में लोकसभा सदस्यता खत्म किए जाने पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केन्द्र सरकार और भाजपा को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म करना तानाशाही का एक और उदाहरण है। भाजपा ये ना भूले कि यही तरीका उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इन्दिरा गांधी के खिलाफ भी अपनाया था और मुंह की खानी पड़ी। राहुल गांधी देश की आवाज हैं जो इस तानाशाही के खिलाफ अब और मजबूत होगी।

राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता खत्म किए जाने के निर्णय से नाराज सीएम गहलोत ने सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में राहुल ने महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और हिंसा का मुद्दा उठाया। इन पर ध्यान देने की जगह भाजपा सरकार राहुल जी के खिलाफ दमनकारी कदम उठा रही है। उन्होंने कहा कि ये समझ के परे है कि भाजपा नीरव मोदी और ललित मोदी जैसे बेइमानों के समर्थन में क्यों खड़ी हो रही है? भाजपा को बताना चाहिए कि गरीबों के हक को लूटकर विदेश भागने वाले नीरव मोदी, ललित मोदी चोर नहीं हैं ?

इससे पूर्व दिल्ली रवाना होने से पहले जयपुर में मीडिया से बातचीत में गहलोत ने कहा कि लोअर कोर्ट के फैसले के बाद आगे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट है। इतनी क्या जल्दी थी कि आपने इस तरह का फैसला कर लिया। अचानक इतने बड़े नेता की लोकसभा मेंबरशिप खत्म कर दी जिसका पूरे देश में एक मैसेज है जिसके बड़ी संख्या में समर्थक हैं। लोग इन्हें बक्शने वाले नहीं है।

सीएम ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पूरे देश में भय का माहौल बना रखा है। ईडी, सीबीआई, इनकम टैक्स ज्यादती कर रहे हैं। न्यायपालिका- चुनाव आयोग तक दबाव में है। पूरे देश का मिजाज बता रहा कि सरकार की मंशा ठीक नहीं है। यह तानाशाही प्रवृत्ति है। संसद चल नहीं पा रही है, क्या एक सांसद बोल नहीं सकता, जब वह सफाई देता है तो सत्तापक्ष वाले हंगामा करते हैं, यह देश में पहली बार हो रहा है।

गहलोत ने कहा कि सत्ता पक्ष जब खुद ही पार्लियामेंट को डिस्टर्ब कर रहा है तो यहां कैसे डेमोक्रेसी रहेगी। जब से भारत जोड़ो यात्रा हुई है पूरे देश में महंगाई, बेरोजगारी का मैसेज गया। हिंसा मुक्त भारत, प्रेम-मोहब्बत और भाई-चारे से रहने का संदेश दिया। तब से सरकार घबराई हुई है। कोई न कोई बहाना करके यह प्रयास किया जा रहा है कि संसद के अंदर कांग्रेस और विपक्ष के लोग बोल नहीं पाए।

सीएम ने कहा कि केंद्र सरकार को यह भारी पड़ेगा। इंदिरा गांधी को भी इन लोगों ने तंग किया था। उन्हें संसद से निष्कासित कर दिया था। बाद में ऐसी आंधी चली कि इंदिरा गांधी भारी बहुमत से जीती। आज जो केंद्र कर रहा है। इस तानाशाही को जनता पसंद नहीं करेगी और 2024, के लोकसभा चुनावों में जनता इन्हें सबक सिखाएगी। हिंदू-मुस्लिम करके आपने दो चुनाव जीत लिए। अब जनता इसको लाइक नहीं करती। कुछ सीमा के बाद जनता मनमानी पसंद नहीं करती। इंदिरा गांधी- अटल बिहारी जैसी नेता चुनाव हार गए थे।

गहलोत ने कहा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को सलाह देते हुए कहा कि मोदी को चाहिए कि वह सलाहकारों के चक्कर में नहीं आएं। इनके नेता कह रहे हैं कि राहुल ने ओबीसी का अपमान कर दिया। राहुल गांधी सब वर्गों की इज्जत करते हैं। मोदी जी खुद ओबीसी से हैं, जिस तरह का बर्ताव राहुल के साथ किया उसे देश का ओबीसी बर्दाश्त नहीं करेगा।

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