-अवैध खनन के लिए विधानसभा कमिटी से जांच की मांग
-हंगामे के कारण केवल तीन प्रश्न और शून्यकाल लिये जा सके

आजाद सिपाही संवाददाता
रांची।
विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है। सत्र के 12वें दिन शनिवार को विपक्ष ने सदन में अवैध खनन का मुद्दा उठाया। इसे लेकर विपक्ष ने हंगामा किया और विधानसभा कमेटी एनआइए से जांच कराने की मांग की। शोर-शराबे और हंगामे के बीच तीन प्रश्न लिये जा सके और शून्यकाल की कार्यवाही हो सकी। इसके बाद हंगामे को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष रवींद्र नाथ महतो ने लगभग 40 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

20 हजार करोड़ का खनन घोटाला हुआ:
भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने कहा कि तीन साल में राज्य भर में अवैध पत्थर खनन और अवैध परिवहन से संबंधित हजारों मामले सामने आये हैं। इसमें अवैध विस्फोटकों के इस्तेमाल का भी मामला सामने आया है। उन्होंने कहा कि राज्य भर में लगभग 20 हजार करोड़ का खनन घोटाला हुआ है। विस्फोटक के दुरुपयोग का भी मामला सामने आया है। यह सीधे-सीधे एनआइए का मामला है। इसकी एनआइए से जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार अपने कर्मों को छिपाने के लिए कभी सीबीआइ जांच नहीं कराएगी, लेकिन स्पीकर को इसकी विधानसभा की समिति से जांच करानी चाहिए, नहीं तो इतिहास उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। वही, भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि साहिबगंज और पलामू में कई पहाड़ गायब हो गये। राजस्व क्या मिल रहा है यह विषय नहीं है। विषय अवैध खनन का है। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष से मामले की जांच के लिए विधानसभा की कमेटी बनाने की मांग की। उन्होंने कहा कि हम लोग अब आंख में पट्टी बांधकर नहीं बैठेंगे। निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि अवैध खनन से पर्यावरण को क्षति हो रहा है। इसे लेकर एनजीटी में दायर वाद पर एनजीटी कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार वहां अराजकता रोकने में असफल है। यह 15 मार्च की रिपोर्ट है।

तीन गुणा राजस्व वसूल हुआ है:
मंत्री बादल पत्रलेख सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि हेमंत सरकार में रघुवर सरकार से तीन गुना ज्यादा राजस्व वसूली खनन से हुई है। उन्होंने कहा कि रघुवर सरकार में तीन साल में 15784 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हुआ था, जबकि हमारी सरकार में तीन साल में 30949 करोड़ रुपये राजस्व खनन से मिला है। उन्होंने कहा कि जहां तक एक्सप्लोसिव के दुरुपयोग का मामला है तो यह भारत सरकार की जिम्मेदारी है। एक्सप्लोसिव एक्ट भारत सरकार से नियंत्रित होता है। उन्होंने आगे कहा कि हेमंत है तो हिम्मत है। विपक्ष में हिम्मत है तो आप उस चिट्ठी का जवाब ले आइए जो मुख्यमंत्री ने रेलमंत्री को लिखा है। जिसका अब तक जवाब नहीं आया है। उस चिट्ठी में लिखा गया है कि रेलवे के अधिकारी भी अवैध खनन में संलिप्त थे।

जवाब से असंतुष्ट विधायकों ने किया हंगामा:
सरकार के जवाब से विपक्ष संतुष्ट नहीं हुआ। विपक्ष के सदस्य वेल में पहुंच कर हंगामा करने लगे। इस हंगामे से पहले और बीच में तीन प्रश्न पर चर्चा हो सकी और शून्यकाल चला। विपक्ष का हंगामा देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष ने 11.49 में सदन की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।

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