विशेष
-धनबाद के पार्टी उम्मीदवार को लेकर उठने लगे विरोध के स्वर
-विरोधियों पर हमला करने के पहले सौ बार सोचना पड़ेगा भाजपा को
-विपक्ष के तमाम उम्मीदवारों पर जितने मामले दर्ज होंगे, उनसे अधिक अकेले ढुल्लू महतो पर चल रहे हैं
झारखंड में भाजपा के लिए सबसे सुरक्षित मानी जानेवाली धनबाद लोकसभा सीट पर दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी गंभीर विवाद में फंस गयी है। लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी ने धनबाद से हैट्रिक लगा चुके सांसद पीएन सिंह का टिकट काट कर बाघमारा के बाहुबली विधायक ढुल्लू महतो को टिकट देकर मैदान में उतारा है। इसके बाद से ही सियासी सरगर्मी तेज हो गयी है। धनबाद में भाजपा तो दो धड़ो में बंट ही गयी है, यहां के लोग और खासकर व्यवसायी वर्ग भ् पार्टी प्रत्याशी का खुल कर विरोध करने लगे हैं। भाजपा ने ढुल्लू महतो को धनबाद से उम्मीदवार क्यों बनाया है, इस बारे में अब तक आधिकारिक रूप से कोई जानकारी सामने नहीं आयी है, लेकिन कहा जा रहा है कि पार्टी को ओबीसी के साथ अपनी नजदीकी साबित करने के लिए ही ढुल्लू महतो जैसे नेता पर दांव लगाना पड़ा है। पार्टी नेतृत्व को शायद यह पता नहीं था कि उसके द्वारा घोषित उम्मीदवार अपने खिलाफ दर्ज गंभीर अपराधों के मामलों में हाफ सेंचुरी लगाने से बस कुछ ही कदम दूर हैं। अब तो धनबाद में यह बात भी कही जा रही है कि यदि ढुल्लू महतो को ही उम्मीदवार बनाये रखा गया, तो भाजपा को अपनी सबसे सुरक्षित सीट पर भी परेशानी झेलनी पड़ सकती है, क्योंकि ढुल्लू महतो से समाज का एक बड़ा तबका नाराज भी है, प्रताड़ित भी । हालांकि पार्टी आलाकमान ने धनबाद में पैदा हुई स्थिति के डैमेज कंट्रोल की कोशिश शुरू कर दी है, लेकिन इसका कितना असर होगा, यह अभी देखना बाकी है। क्या है धनबाद में ढुल्लू महतो को लेकर विवाद और क्या हो सकता है इसका असर, बता रहे हैं आजाद सिपाही के विशेष संवाददाता राकेश सिंह।
भाजपा ने झारखंड की 14 में से 13 लोकसभा सीटों के लिए जिन प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की है, उनमें बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो का नाम सबसे ज्यादा चर्चा में हैं। वह ऐसे शख्स हैं, जिनका 49 आपराधिक मामलों में नाम आया। उनकी पहचान एक बाहुबली नेता के रूप में होती है। बाघमारा विधानसभा क्षेत्र में उनका सिक्का चलता है। भाजपा ने उन्हें झारखंड में अपनी सबसे सुरक्षित मानी जानेवाली सीट धनबाद से टिकट दिया है, लेकिन इससे गंभीर विवाद पैदा हो गया है। यहां यह उल्लेखनीय है कि धनबाद को छोड़ कर किसी और सीट पर भाजपा उम्मीदवार के खिलाफ विरोध के ऐसे स्वर नहीं सुनाई दिये।
कौन हैं ढुल्लू महतो
ढुल्लू महतो बाघमारा के चिटाही गांव के हैं। उन्होंने 12वीं तक की पढ़ाई की है। महेशपुर कोलियरी में मजदूर के रूप में काम शुरू किया, लेकिन उनकी महत्वाकांक्षा बड़ी थी। उनको रास्ता दिखाया समरेश सिंह जैसे नेता ने। ढुल्लू महतो ने ‘टाइगर फोर्स’ के नाम से एक संगठन बना कर मजदूरों के हक की आवाज बुलंद की। इनका भाग्योदय झारखंड विकास मोर्चा से हुआ, जिसका विलय भाजपा में हो चुका है। वह 2009 में बाघमारा से प्रत्याशी बन गये और जलेश्वर महतो जैसे कद्दावर नेता को हरा कर अपनी पहचान बना ली। जीत मिलते ही उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और उसके बाद 2014 और 2019 का चुनाव भाजपा की टिकट पर जीत गये। राजनीति के दांव-पेंच सीख चुके ढुल्लू महतो ने ऐसी फील्डिंग लगायी कि उन्हें पार्टी ने धनबाद से भाजपा का प्रत्याशी बना दिया।
ढुल्लू महतो तोड़ेंगे पीएन सिंह का रिकॉर्ड!
धनबाद लोकसभा सीट से पिछले तीन बार से भाजपा के पशुपतिनाथ सिंह लगातार जीत हासिल कर रहे हैं। 2014 में 2.93 लाख और 2019 के चुनाव में 4.86 लाख वोटों के अंतर से जीतने वाले पीएन सिंह के इस रिकॉर्ड को ढुल्लू महतो क्या तोड़ पायेंगे? यह सवाल सभी के मन में है।
2019 के विधानसभा चुनाव में 824 मतों से जीते थे
जिस ढुल्लू महतो को भाजपा ने अपना प्रत्याशी बनाया है, वह वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में महज 824 मतों के अंतर से विजयी हुए थे। ढुल्लू महतो के प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस उम्मीदवार जलेश्वर महतो ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। जलेश्वर महतो ने ढुल्लू महतो की जीत को न्यायालय में चुनौती देते हुए पुनर्मतगणना कराने की भी मांग की है। इस तरह ढुल्लू महतो के लिए लोकसभा चुनाव 2024 चुनौती भरा हो सकता है। उन्हें प्रत्याशी बनाये जाने का पार्टी के अंदर भी एक गुट की ओर से विरोध किया जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी को चुनाव में पटकनी देकर धनबाद सीट पर जीत हासिल करना चुनौतीपूर्ण होगा।
धनबाद में हो रहा है ढुल्लू महतो का विरोध
उम्मीदवार बनाये जाने के बाद से ही धनबाद में ढुल्लू महतो का विरोध शुरू हो गया है। धनबाद जिला मारवाड़ी सम्मेलन के अध्यक्ष कृष्णा अग्रवाल ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को पत्र लिख कर ढुल्लू महतो को टिकट दिये जाने पर कई सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो के क्रियाकलापों का पत्र में उल्लेख किया है। पत्र जारी होने के बाद भाजपा प्रत्याशी ढुल्लू महतो और कृष्णा अग्रवाल के बीच कभी नरम तो कभी गर्म बातचीत का एक आॅडियो भी वायरल हुआ है। इसके अलावा ढुल्लू महतो के खिलाफ मोर्चा लेनेवाले बियाडा प्रमुख विजय झा और धनबाद संसदीय क्षेत्र के तमाम कारोबारियों ने ढुल्लू महतो को उम्मीदवार बनाये जाने का विरोध किया है। धनबाद संसदीय क्षेत्र के आम लोग भी भाजपा प्रत्याशी का विरोध कर रहे हैं। धनबाद की मौजूदा स्थिति यह है कि भाजपा के नामचीन चेहरे तो पार्टी आलाकमान के निर्णय का विरोध नहीं कर रहे, ढुल्लू महतो जब जा रहे हैं, तो वे मिल भी रहे हैं, लेकिन अंदरखाने की खबर यह है कि उनके खिलाफ आग सुलग रही है। उनके खिलाफ एक योग्य उम्मीदवार को खड़ा करने की तैयारी चल रही है। उनमें सरयू राय का भी नाम सामने आ रहा है। अभी तक धनबाद के पांच सौ से ज्यादा नामचीन लोगों, संगठनों और एनजीओ में कार्यरत लोगों ने सरयू राय से चुनाव लड़ने का आग्रह किया है।
सरयू राय ने भी खोला है मोर्चा
भितरघात और नाराजगी झेल रहे ढुल्लू महतो के खिलाफ जमेशदपुर पूर्वी के विधायक सह भाजमो सुप्रीमो सरयू राय ने भी मोर्चा खोल दिया है। राय ने कहा है कि चुनाव लड़ना उनकी प्राथमिकताओं में शामिल नहीं है, लेकिन यदि धनबाद की जनता को जरूरत पड़ी कि यहां बिल्ली के गले में घंटी कौन बांधेगा, तो मैं इसके लिए तैयार हूं। चुनाव मैदान में भी उतर कर ऐसे तत्वों के खिलाफ लड़ाई लड़ूंगा। इससे संकेत मिलता है कि सरयू राय धनबाद लोकसभा सीट से ढुल्लू महतो के खिलाफ चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं। उन्होंने कहा कि वह चुनाव आयोग और इडी से शिकायत कर ढुल्लू महतो की संपत्ति की जांच करने की मांग करेंगे, ताकि चुनाव के दौरान धनबल का खेल न हो।
वैसे माना जा रहा है कि मोदी लहर में लोकसभा चुनाव में इस बार भी भाजपा उम्मीदवारों की नैया पार लग जायेगी, लेकिन सवाल यह है कि क्या धनबाद सीट पर भी ऐसा ही होगा, क्योंकि ढुल्लू महतो को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया है। ढुल्लू महतो को प्रत्याशी बनाये जाने के साथ ही उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है, जबकि उनके राजनीतिक विरोधी ढुल्लू महतो पर दर्ज विभिन्न मुकदमों को चुनाव में मुद्दा बनाने की कोशिश में लगे हैं। चुनाव का परणाम चाहे जो हो, लेकिन इतना तय है कि इस चुनाव में भाजपा के नेता भ्रष्टाचार और अपराध पर विपक्ष के नेताओं पर तीर नहीं चला सकेंगे। इसका मुख्य कारण यह है कि विपक्ष के तमाम उम्मीदवारों पर जितने मुकदमे दायर होंगे, सब मिला कर उससे अधिक मुकदमे सिर्फ ढुल्लू महतो पर चल रहे हैं। इसमें आर्थिक अपराध से लेकर रंगदारी, लूट, मारपीट, जानलेवा हमले जैसे संगीन मामले शामिल हैं।