सीएम ने की विभागीय योजनाओं की समीक्षा
योजना लंबित रहने से बढ़ जाती है लागत राशि, सरकार पर पड़ता है अतिरिक्त बोझ
लंबित योजनाओं की सूची एक सप्ताह में मांगी
रांची। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने बुधवार को भवन निर्माण, जल संसाधन, पेयजल-स्वच्छता, नगर विकास, पथ निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग की 10 करोड़ की राशि से ऊपर की योजनाओं की समीक्षा की। कहा कि इन योजनाओं से राज्य की विकास की दिशा तय होगी। ऐसे में ये सभी योजनाएं समय पर पूर्ण हों और इसकी गुणवत्ता से किसी प्रकार का समझौता नहीं होना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जो भी योजनाएं चल रही हैं, वह तय समय सीमा में पूरी हो जानी चाहिए। अगर योजनाओं में किन्हीं वजहों से विलंब हो रहा है, तो उसका त्वरित समाधान निकालें। जिस योजना की जो भी डेडलाइन तय है, उसी के अनुरूप कार्य में तेजी लाकर उसे पूरा करें, ताकि उसका लाभ यहां की जनता को मिल सके।
मुख्यमंत्री ने कई योजनाओं के लंबे समय से लंबित रहने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यह राज्य हित में नहीं है। इससे योजनाओं की लागत राशि काफी बढ़ जाती है। इस वजह से सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ता है। ऐसे में जो भी लंबित योजनाएं हैं, उसको पूर्ण करने की दिशा में समुचित और त्वरित कदम उठाये जाये।
विभागों के साथ समन्वय बना कर कार्य करें
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि वे विभिन्न योजनाओं को लेकर संबंधित विभागों के बीच समन्वय बना कर कार्य करें, ताकि योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी भी प्रकार का व्यवधान आ रहा है, तो उसका निराकरण हो सके । उन्होंने कहा कि कई ऐसी योजनाएं होती हैं, जिसमें विभिन्न विभागों की भागीदारी होती है, ऐसे में वे विभाग मिल कर योजनाओं को गति देने का काम करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौन परियोजना कब तक पूरी हो जायेगी, इसकी पूरी सूची तैयार कर एक सप्ताह के अंदर समर्पित करें, ताकि उसके समाधान की दिशा में कार्रवाई हो सके।
गर्मी में पेयजल संकट नहीं होना चाहिए
मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्मी का मौसम आ रहा है। ऐसे में पेयजल का संकट नहीं हो, इसके लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली जानी चाहिए। पेयजल से जुड़ी जो भी योजनाएं हैं उसे त्वरित गति दी जाये। इसके अलावा जरूरतों को ध्यान में रख कर पेयजल की योजनाओं की कार्य योजना तैयार कर उसका क्रियान्वयन करें।
सिंचाई से जुड़ी परियोजनाओं पर ध्यान रखें
मुख्यमंत्री ने जल संसाधन विभाग की योजनाओं की समीक्षा करते हुए कहा कि सिंचाई और जलाशय से जुड़ी परियोजनाओं में इस बात का पूरा ख्याल रखें कि डूब क्षेत्र में कम से कम गांव प्रभावित हों। ऐसे में सिंचाई परियोजनाओं में आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल किया जाये।
इनकी रही मौजूदगी
मुख्य सचिव एल ख्यांग्ते, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव अविनाश कुमार, प्रधान सचिव वंदना दादेल, प्रधान सचिव सुनील कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल, सचिव प्रशांत कुमार, सचिव मनीष रंजन, सचिव के श्रीनिवासन, सचिव चंद्रशेखर और सचिव राजेश शर्मा समेत कई अधिकारी उपस्थित थे।
योजनाओं में गुणवत्ता के साथ समझौता बर्दाश्त नहीं: चंपाई सोरेन
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