आंगनबाड़ी सेविकाओं को 9500 और सहायिकाओं को 4750 रुपये मिलेगा मानदेय: चंपाई
रांची। मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि आंगनबाड़ी सेविकाओं को 9500 रुपये और सहायिकाओं को 4750 रुपये हर महीने मानदेय मिलेगा। वह खेलगांव स्टेडियम में सर्वजन पेंशन योजना कार्यक्रम में बोल रहे थे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने योजना के लाभुकों के बीच पहली किस्त की राशि हस्तांतरित की। इसका लाभ एक लाख 58 हजार 218 महिलाओं को मिला। इस अवसर पर मंत्री बेबी देवी, राज्यसभा सांसद महुआ माजी, मुख्यमंत्री के सचिव अरवा राजकमल समेत अन्य गणमान्य लोग मौजूद थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को संवारने की दिशा में हम तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। जल-जंगल-जमीन के रक्षकों और झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में बलिदान देने वाले अपने पूर्वजों के सपनों का झारखंड बना रहे हैं। यहां के आदिवासियों-मूलवासियों की अस्मिता को बनाये रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। झारखंड का नवनिर्माण एक ऐसे राज्य के रूप में करेंगे, जहां सभी समुदाय और वर्ग का मान-सम्मान होगा। किसी के साथ अन्याय नहीं होगा। हर किसी को उसका हक-अधिकार मिलेगा।
राज्य की नींव को कर रहे मजबूत:
चंपाई ने कहा कि झारखंड तभी आगे बढ़ेगा, जब इसकी नींव मजबूत होगी। इसी बात को ध्यान में रखकर यहां की आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक जैसी बुनियादी व्यवस्थाओं को मजबूत कर रहे हैं। समाज में किसी के साथ भेदभाव नहीं हो, इस पर सरकार का विशेष जोर है। दलित, पिछड़े, गरीब, मजदूर, किसान, महिला, युवा, बच्चे हर किसी को बढ़ाने के लिए कदम उठाये जा रहे हैं।
रोटी-कपड़ा और मकान देने के लिए प्रतिबद्ध:
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोटी-कपड़ा और मकान हर किसी की मूलभूत जरूरत है। ऐसे में यहां के लोगों की इन जरूरतों को पूरा करने की दिशा में सरकार लगातार काम करती आ रही है। इसी कड़ी में अबुआ आवास योजना के तहत 20 लाख गरीब, जरूरतमंद और आवास विहीन लोगों को तीन कमरों का मकान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के हालात और यहां के लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर नीतियां और कार्य योजनाएं बनायी जा रही हैं। साधन संपन्न होने के बाद भी राज्य पिछड़ा है। अलग राज्य बनने के 19 वर्ष तक इन्हें आगे बढ़ाने की दिशा में कभी सार्थक प्रयास नहीं हुआ। यहां के लोग हमेशा हाशिये पर रहे। उनके दुख-दर्द की चिंता किसी ने नहीं की। हमारी सरकार तबके को आगे बढ़ाने के लिए लगातार काम करती आ रही है। यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा।
विकास की नयी गाथा लिख रहे हैं:
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में हेमंत सोरेन को पांच वर्षों के लिए जनादेश मिला था। उन्होंने मुख्यमंत्री का पद संभाला ही था कि कोरोना जैसी महामारी ने पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। इस दौरान झारखंड समेत पूरी दुनिया की व्यवस्था ठप हो गयी थी। दो वर्षों तक कोरोना से जंग जारी रही। हेमंत सोरेन के कुशल नेतृत्व में जीवन और जीविका बचाने का बेहतरीन कार्य हुआ। कोरोना की रफ्तार कम हुई, तो विकास की गति को उन्होंने तेज किया और अगले दो वर्षों के दौरान झारखंड को खुशहाल और सशक्त राज्य बनाने की दिशा में कार्य करते रहे। हेमंत जी ने जो विकास कार्य शुरू किया था, उसे हमारी सरकार आगे बढ़ा रही है।
आंगनबाड़ी केंद्रों में उपलब्ध करा रहे हैं सारी सुविधाएं
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। आंगनबाड़ी केंद्रों में सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों को ऐसा स्वरूप देने जा रहे हैं, जहां महिलाओं और बच्चों को बेहतर माहौल मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब बच्चे शारीरिक और आर्थिक रूप से मजबूत होंगे, तभी उनकी सोच भी बेहतर होगी। ऐसे में झारखंड को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए सरकार कृत संकल्पित है। आंगनबाड़ी केंद्रों में महिलाओं और बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है। हमारा संकल्प कुपोषण मुक्त झारखंड बनाना है।
बच्चियों का बेहतर भविष्य हो, इसे कर रहे सुनिश्चित:
मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक तंगी की वजह से बच्चियां पढ़ाई से वंचित नहीं रहें, इसके लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं। सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना के माध्यम से बच्चियों को पढ़ाई के लिए आर्थिक सहायता दी जा रही है। राज्य में वर्ष 2023-24 तक 6.96 लाख से ज्यादा बच्चियों को 336.38 करोड़ रुपये इस योजना के तहत दिये जा चुके हैं। बच्चियां पढ़-लिखकर इंजीनियर, डॉक्टर और अफसर बनें, इसके लिए सरकार की ओर से पूरा सहयोग किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने सर्वजन पेंशन योजना के एक लाख 58 हजार लाभुकों को पहली किस्त दी
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