रांची। झारखंड हाई कोर्ट में बांका, बिहार के चानन डैम से सिंचाई के लिए झारखंड के गोड्डा को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने को लेकर सांसद निशिकांत दुबे जनहित याचिका की सुनवाई गुरुवार को हुई। हाई कोर्ट के जस्टिस रंगन मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने प्रार्थी (निशिकांत दुबे) को शपथ पत्र के माध्यम से सुगाबथान डैम से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए मामले की सुनवाई 18 अप्रैल निर्धारित की है।

सांसद निशिकांत दुबे के अधिवक्ता दिवाकर उपाध्याय ने कोर्ट को बताया कि बिहार के चानन डैम से झारखंड को पानी नहीं मिलने पर वर्ष 1972 में गोड्डा में सुगाबथान डैम बनाने का प्रस्ताव था। इसके लिए जमीन भी उपलब्ध है। इस डैम को बनाने के लिए किसी के विस्थापन की जरूरत नहीं पड़ेगी।

याचिकाकर्ता की ओर से यह भी बताया गया कि चानन डैम से गाद हटाने के लिए बिहार सरकार केंद्र सरकार की मदद चाहती है जबकि केंद्र सरकार कह चुकी है कि यह काम राज्य सरकार के अंतर्गत आता है। ऐसे में चानन डैम से गाद हटाने में जो खर्च आएगा, उससे बेहतर है कि वर्ष 1972 में गोड्डा में सुगाबथान डैम बनाने का प्रस्ताव है, जिसमें कहा गया था कि भविष्य में यदि चानन डैम से झारखंड को पानी नहीं मिलता है तो गोड्डा में सुगाबथान डैम बनाया जाये। इसके लिए जमीन भी चिन्हित की गई थी।

इससे पहले झारखंड सरकार ने शपथ पत्र दायर कर बताया था कि चानन डैम के तहत उसके हिस्से में आने वाले चार कैनाल की मरम्मत का काम एक साल के भीतर पूरा हो जाएगा। बिहार सरकार ने चानन डैम से झारखंड को पानी देने में असमर्थता जताई थी। झारखंड सरकार का कहना है कि उसे इस डैम से पानी मिलना चाहिए, ताकि गोड्डा में सिंचाई हो सके।

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