Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Sunday, September 14
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Jharkhand Top News»सांसद रिश्वत कांड में सुप्रीम कोर्ट से झामुमो को झटका
    Jharkhand Top News

    सांसद रिश्वत कांड में सुप्रीम कोर्ट से झामुमो को झटका

    adminBy adminMarch 4, 2024Updated:March 4, 2024No Comments3 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email

    वोट के लिए नोट मामले में सुप्रीम कोर्ट का हम फैसला या है. सुप्रीम कोर्ट ने झामुमो रिश्वत मामले में पिछले फैसले को पलट दिया है. 1993 में नरसिंह राव की सरकार को बचाने के लिए झामुमो के सांसदों (शिबू सोरेन, सूरज मंडल, साइमन मरांडी और शैलेंद्र महतो )पर यह आरोप लगा था. कोर्ट ने कहा कि सांसदों को राहत देने पर असहमत हैं. चीफ जस्टिस डीवाइ चंद्रचूड़, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस जेबी पारदीवाला, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस पीवी संजय कुमार की पीठ ने फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा घूसखोरी की छूट नहीं दी जा सकती है.

    कोर्ट की ओर से इस दौरान कहा गया कि इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि घूस लेनेवाले ने घूस देनेवाले के मुताबिक वोट दिया या नहीं. विषेधाधिकार सदन के साझा कामकाज से जुड़े विषय के लिए है. वोट के लिए रिश्वत लेना विधायी काम का हिस्सा नहीं है.

    सीता सोरेन पर पड़ेगा असर

    सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 1998 का नरसिंह राव मामले का फैसला पलट दिया. मामले में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 7 जजों की बेंच का यह साझा फैसला है जिसका सीधा असर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सीता सोरेन पर पड़ेगा. उन्होंने विधायक रहते रिश्वत लेकर 2012 के राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के मामले में राहत मांगी थी.

    सांसदों को अनुच्छेद 105(2) और विधायकों को 194(2) के तहत सदन के अंदर की गतिविधि के लिए मुकदमे से छूट हासिल है. कोर्ट ने साफ किया कि रिश्वत लेने के मामले में यह छूट नहीं मिल सकती है.

    क्या है मामला

    जुलाई 1993 में राव सरकार के खिलाफ संसद में अविश्वास प्रस्ताव 14 मतों से खारिज हो गया था। आरोप लगा था कि केंद्र सरकार ने अपने पक्ष में वोट देने के लिए झामुमो के तत्कालीन चार सांसदों समेत कई सांसदों को रिश्वत दी थी। राव के सत्ता से बाहर होने के बाद सीबीआई ने राव समेत कई आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। आठ महीने में जांच पूरी कर सीबीआई ने सांसदों की खरीद-फरोख्त के लिए नरसिंह राव, बूटा सिंह, सतीश शर्मा और शिबू सोरेन समेत कुल 20 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की, लेकिन 1998 में सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में रिश्वत लेने वाले सभी नौ सांसदों के खिलाफ कार्रवाई पर रोक लगा दी। 2000 में कोर्ट ने सिर्फ राव व बूटा सिंह को दोषी करार दिया, लेकिन 2002 में इन्हें भी बरी कर दिया गया।

    शैलेंद्र महतो ने किया था खुलासा
    तत्कालीन झामुमो सांसद शैलेंद्र महतो ने खुलासा किया था कि उन्हें और उनके तीन सांसद साथियों को 30-30 लाख रुपए दिए गए थे, ताकि नरसिंह राव सरकार को समर्थन देकर उसे बचाया जा सके। बाद में अन्य सांसदों ने भी भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मुकदमे की सुनवाई के दौरान स्वीकार किया था कि 1993 में उन्हें विश्वासमत के पक्ष में मत देने के लिए कांग्रेस पार्टी ने धन दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए इनको रिश्वत के आरोप से बरी कर दिया था कि संविधान के अनुच्छेद-105 के तहत सांसदों को विशेष छूट प्राप्त है। संसद में दिए गए भाषण या वोट पर किसी भी सांसद के खिलाफ किसी भी अदालत में कोई कार्यवाही नहीं हो सकती।

    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleहरे निशान पर खुला शेयर बाजार, सेंसेक्स 60 अंक उछला
    Next Article आदित्य रंजन राज्य शिक्षा परियोजना निदेशक के पद पर नियुक्त
    admin

      Related Posts

      झारखंड कैडर के IAS अमित खरे बने उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के सचिव

      September 14, 2025

      भाजपा तुष्टीकरण नहीं संतुष्टिकरण पर जोर देती है: पीएम मोदी

      September 14, 2025

      झारखंड: 5 लाख का इनामी नक्सली कमांडर मुखदेव यादव मुठभेड़ में ढेर, सर्च अभियान जारी

      September 14, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • झारखंड कैडर के IAS अमित खरे बने उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन के सचिव
      • भाजपा तुष्टीकरण नहीं संतुष्टिकरण पर जोर देती है: पीएम मोदी
      • कांग्रेस की ‘मां पॉलिटिक्स’ महागठबंधन की सेहत के लिए ठीक नहीं
      • झारखंड: 5 लाख का इनामी नक्सली कमांडर मुखदेव यादव मुठभेड़ में ढेर, सर्च अभियान जारी
      • पूर्व अपर सचिव अवध नारायण प्रसाद ने अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थामा
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version