रांची। झारखंड हाई कोर्ट में राज्य में मिनरल्स के ट्रांसपोर्टेशन में लगे वाहनों एवं उनपर लदे सामानों को जब्त कर कार्यवाही चलाने और वाहन को नीलाम करने (राज्य सात्करण करने) का अधिकार उपायुक्तों के पास है या अदालत के पास है, इसपर सभी पक्षों की सुनवाई शनिवार को पूरी हो गई। इसके बाद हाई कोर्ट ने मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।
मामले को लेकर जटाशंकर झा सहित 11 याचिकाएं हाई कोर्ट में दाखिल की गई हैं। याचिकाकर्ता ने झारखंड माइनर मिनरल ट्रांसपोर्टेशन एंड स्टोरेज रूल 2017 के रूल 11 (V) को हाई कोर्ट में चुनौती दी है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उक्त रूल सेक्शन 21 (4 ए) माइंस एंड मिनरल (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट 1957 की विरुद्ध है।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि झारखंड माइनर मिनरल ट्रांसपोर्टेशन एंड स्टोरेज रूल 2017 के रूल 11 (V) के तहत मिनरल्स के ट्रांसपोर्टेशन में लगे वाहनों एवं उनपर लदे सामानों को जब्त कर नीलाम करने का अधिकार उपायुक्तों के पास है लेकिन सेक्शन 21 (4 ए) माइंस एंड मिनरल (रेगुलेशन एंड डेवलपमेंट) एक्ट 1957 में यह अधिकार अदालत के पास है। इसलिए मिनरल ट्रांसपोर्टेशन के कार्य में लगे वाहनों और उसपर लदे सामानों को जब्त करने, कार्यवाही चलाने एवं नीलाम करने का अधिकार उपायुक्तों के पास नहीं है, यह अधिकार अदालत के पास है।