रांची। राज्य सरकार के मुताबिक, झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में शामिल आंदोलनकारियों को पेंशन, सम्मान दिया जा रहा है पर छत्तीसगढ़ में ऐसा नहीं हो रहा। विधानसभा के बजट सत्र में विधायक नागेंद्र महतो ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार विभाग से पूछा था कि अलग राज्य आंदोलन में शामिल आंदोलनकारियों को राज्य आंदोलनकारी चिह्नतीकरण आयोग द्वारा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष आंदोलनकारी के तौर पर लाभ दिया जा रहा है। इस पर विभाग ने बताया कि विभागीय संकल्प सं 1938, 30-4-2021 द्वारा झारखंड आंदोलनकारियों/ आश्रितों को सम्मान, सुविधा लाभ प्रदान किया जा रहा है। पुलिस फायरिंग या कारा में मृत या दिव्यांग हुए (40% से अधिक) आंदोलनकारी के आश्रित परिवार के एक सदस्य को निर्धारित शैक्षणिक अर्हता के अनुरूप राज्य सरकार के तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पदों पर सीधी नियुक्ति की जायेगी। अन्य आंदोलनकारियों के मामले में एक आश्रित के लिए तृतीय एवं चतुर्थ वर्गीय पदों पर सरकारी नियुक्ति में 5% क्षैतिज आरक्षण देने की व्यवस्था की जायेगी। यह लाभ आंदोलनकारी परिवार को एक बार ही देय होगा। जेल में 3 माह से कम संसीमित रहने पर 3500 रुपये प्रतिमाह, 3-6 माह के बीच संसीमित रहने पर 5000 रुपये और 6 माह से अधिक रहने पर 7000 रुपये प्रतिमाह दिया जायेगा। चिह्नित आंदोलनकारियों को प्रतीक चिह्न और प्रमाण-पत्र प्रदान किया जायेगा।

आंदोलनकारियों के परिवार को परेशानी और आर्थिक संकट, मान-सम्मान नहीं मिलने के सवाल के बारे में कार्मिक विभाग ने इसे अस्वीकारात्मक बताया। कहा कि आंदोलनकारियों के चिह्नितिकरण का कार्य जारी है। अबतक सरकार द्वारा कुल 16584 आंदोलनकारियों को झारखंड आंदोलनकारी के रूप में अधिसूचित किया गया है। उन्हें उनके कोटि के चिह्नितिकरण के अनुरुप सुविधाएं दी जा रही हैं। अन्य राज्यों में आंदोलनकारियों को अधिक सम्मानजनक भत्ता और उनके आश्रितों को सुविधा दिये जाने के बारे में भी नागेंद्र महतो ने जानकारी मांगी। इस पर बताया गया कि झारखंड की ओर से छत्तीसगढ में पृथक राज्य आंदोलनकारियों को भत्ता, सम्मान, पेंशन दिये जाने के बारे में जानकारी मांगी गयी थी। इस पर छत्तीसगढ़ सरकार ने पत्रांक 630, 30 जुलाई 2024 के जरिए बताया कि पृथक छत्तीसगढ़ राज्य के आंदोलनकारियों को किसी प्रकार की पेंशन, सुविधा, सम्मान का लाभ नहीं दिया जाता।

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