रांची। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रविवार को रांची के धुर्वा स्थित सेक्टर-2 में 133वीं सीआरपीएफ बटालियन के कैंप पहुंचे। उन्होंने पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में आईईडी विस्फोट में घायल होने के बाद शहीद हुए सीआरपीएफ एसआई सुनील कुमार मंडल के पार्थिव शरीर पर पुष्पचक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।

इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि शहीद सुनील कुमार मंडल का अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान हमेशा स्मरणीय रहेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बना रहेगा। उन्होंने शहीद के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि इस दुखद घड़ी में पूरा राष्ट्र उनके साथ खड़ा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने नक्सलियों के खिलाफ चल रहे अभियान को और अधिक मजबूती देने का संकल्प दोहराते हुए कहा कि जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उन्होंने दिवंगत आत्मा की शांति और शोकाकुल परिजनों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की।

इस मौके पर डीजीपी अनुराग गुप्ता, सीआरपीएफ झारखंड सेक्टर के आईजी साकेत कुमार सिंह, आईजी अभियान एवी होमकर, आईजी प्रभात कुमार सहित अन्य अधिकारियों ने भी शहीद जवान को श्रद्धांजलि अर्पित की और पुष्पचक्र अर्पित किया।

मौके पर आईजी अभियान ने कहा कि अभियान के दौरान घात लगाकर आईईडी विस्फोट किया गया था। इसमें 193 सीआरपीएफ के दो जवान घायल हुए थे। दोनों को हेलीकॉप्टर से चाईबासा से रांची लाया गया। राज अस्पताल में इलाज के क्रम में एसआई सुनील कुमार मंडल शहीद हो गए। घायल हेड कांस्टेबल पार्थ प्रतिम डे आउट ऑफ़ डेंजर है।

उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में आखिरी निर्णायक लड़ाई चल रही है। सभी जवानों का मनोबल एकदम ऊंचा है। आने वाले दिनों में डीजीपी के नेतृत्व में नक्सलियों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान में हम लोग सफल होंगे और इस क्षेत्र में ही नहीं पूरे झारखंड को नक्सल मुक्त बनाने में सफल होंगे।

श्रद्धांजलि देने के बाद एसआई के पार्थिव शरीर को पैतृक गांव पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले भेज दिया गया।

उल्लेखनीय है कि पश्चिमी सिंहभूम (चाईबासा) में 22 मार्च को छोटानागरा थाना के वनग्राम मरांगपोगा के आस-पास जंगली-पहाड़ी क्षेत्र में आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ के एसआई और हेड कांस्टेबल घायल हो गए थे। इलाज के क्रम में एसआई शहीद हो गए थे।

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