रांची। झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान सदन में हेमंत सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन को शर्मसार होना पड़ा। दरअसल जब सदन में गंभीर विषय पर चर्चा हो रही थी, उस वक्त मंत्री जी मोबाइल पर सदन में बात कर रहे थे। इससे स्पीकर नाराज हो गए और उनका फोन ले लिया।

झारखंड विधानसभा में चर्चा के दौरान मंत्री हफीजुल हसन के फोन पर बात करने पर सदन में उस वक्त बोल रहे कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने आपत्ति जताई और मंत्री जी से मोबाइल पर बात नहीं करने का आग्रह किया। उस वक्त मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी सदन में मौजूद थे और उन्होंने ने भी मंत्री जी को फोन पर बात नहीं करने का इशारा किया।

मंत्री जी के इस आचरण पर स्पीकर नाराज हो गए और उन्होंने सदन के सदस्यों से मोबाइल पर इस तरह बात करने पर आपत्ति जताते हुए मार्शल के पास मोबाइल को जमा करने का निर्देश दिया। स्पीकर के आदेश पर मार्शल मंत्री हफीजुल से मोबाइल लेकर स्पीकर के सुपुर्द कर दिया। हालांकि भोजनावकाश के बाद मोबाइल मंत्री जी को पुन:वापस कर दिया गया।

मंत्री के मोबाइल कांड पर सियासत तेज
सदन के अंदर मंत्री जी के इस आचरण पर सियासत शुरू हो गई है। मोबाइल पर बात किए जाने पर आपत्ति जताते हुए बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कहा कि सत्ता के नशे में इस कदर चूर होना उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि मोबाइल पर सदन में बात करना उचित नहीं है। इसके बावजूद वो बात कर रहे थे, स्पीकर साहब ने आज दबी जुबान में ही सही रुतबा दिखाने का काम किया है। उन्होंने इस प्रकरण की आलोचना करते हुए कहा कि वे माननीय हैं, कुछ भी कर सकते हैं। मोबाइल पर बात कर सकते हैं, वीडियो गेम देख सकते हैं।

इधर, सदन में मंत्री जी के मोबाइल पर बात करने पर आपत्ति जताने वाले कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव सदन के बाहर निकलते ही अपना रंग बदलते नजर आए। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल की तरफ से मोबाइल पर बात करते हुए आवाज आई, हमें लगता है कि कोई जरूरी बात होगी इसलिए वे फोन पर बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सदन में मोबाइल लेकर जाना कोई अवरोध नहीं है। मगर जोर से बात करना जरूर व्यवधान पहुंचाता है।

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