वाशिंगटन। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मेक्सिको और कनाडा पर 25 फीसद शुल्क (टैरिफ) लगाने की घोषणा मंगलवार से प्रभावी हो गई। यह अमेरिका के शीर्ष व्यापारिक साझेदारों को एक समान लाने के उद्देश्य से एक असाधारण कार्रवाई है। इससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था के कमजोर होने का खतरा है।

सीएनएन की खबर के अनुसार, राष्ट्रपति ट्रंप ने सभी तरह के चीनी आयात पर टैरिफ को 10 फीसद से दोगुना कर 20 फीसद कर दिया। यह शुल्क सैकड़ों अरबों चीनी सामानों पर मौजूदा टैरिफ के शीर्ष पर हैं। टैरिफ के प्रभावी होने से कुछ समय पहले व्हाइट हाउस ने एक बयान में कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको को खतरनाक कार्टेल गतिविधि और अमेरिका में आने वाली घातक दवाओं की आमद को रोकने के लिए पर्याप्त अवसर दिया, लेकिन दोनों स्थिति को संभालने में विफल रहे।

यह टैरिफ ऐसे समय पर लगाया गया है जब देश में मुद्रास्फीति लगातार ऊंची बनी हुई है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि शुल्क का उद्देश्य दोनों अमेरिकी पड़ोसियों को मादक पदार्थ फेंटेनाइल तस्करी के खिलाफ लड़ाई तेज करने और अवैध आव्रजन को रोकने के लिए मजबूर करना है। ट्रंप ने यह भी संकेत दिया है कि वह अमेरिका के व्यापार असंतुलन को भी समाप्त करना चाहते हैं और अधिकाधिक कारखानों को अमेरिका में स्थानांतरित करना चाहते हैं। उनकी टिप्पणियों ने अमेरिकी शेयर बाजार को झकझोर कर रख दिया, सोमवार दोपहर के कारोबार में एसएंडपी 500 इंडेक्स में दो प्रतिशत की गिरावट आई।

इस मसले पर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा कि कनाडा जवाबी कार्रवाई करते हुए 21 दिन की अवधि में 155 अरब अमेरिकी डॉलर के अमेरिकी सामानों पर 25 प्रतिशत शुल्क लगाएगा। इसकी शुरुआत मंगलवार को 30 अरब अमेरिकी डॉलर के सामानों पर शुल्क से होगी। मेक्सिको की राष्ट्रपति क्लाउडिया शिनबाम ने अमेरिका के निर्णय पर कोई टिप्पणी नहीं की है।

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