रांची: झारखंड में अधिकारियों का राजनीति से गहरा नाता रहा है। इसके उदाहरण भरे पड़े हैं। इसमें एक और नाम तेजी से शुमार होता दिख रहा है। वह है लंबोदर महतो का। वह झारखंड प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। फिलहाल पेयजल स्वच्छता मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी के आप्त सचिव हैं। वह विकास के जरिये राजनीति पर निशाना साध रहे हैं। इसके लिए उन्होंने अपने गृह विधानसभा क्षेत्र गोमिया को चुना है। इसी विधानसभा के पाड़ी गांव के निवासी हैं। पाड़ी गांव समेत क्षेत्र में पानी पहुंचाने का वह भागीरथ प्रयास भी कर रहे हैं। इसी कड़ी का हिस्सा था विगत शनिवार को पेटरवार में पाइप लाइन से जलापूर्ति के शिलान्यास कार्यक्रम। दो साल बाद इस परियोजना से करीब 39 गांव को पाइप के जरिये पानी की सप्लाई होगी। 72 हजार लोगों को शुद्ध पेयजल मिल सकेगा। इसमें लंबोदर महतो का विशेष योगदान माना जा रहा है। पाड़ी गांव के कायाकल्प को लेकर भी उनकी चर्चा लगातार हो रही है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि वह गोमिया विधानसभा से राजनीति के मैदान में कूद सकते हैं। विकास के जरिये वह क्षेत्र में काफी लोकप्रिय भी हो रहे हैं।

क्षेत्र की जनता भी बेधड़क समस्याएं लेकर इनके यहां पहुंच रही है। कारण गोमिया विधानसभा में किसी खास दल का वर्चस्व झारखंड बनने के बाद नहीं रहा है। यहां बदलाव होता रहा है। फिलहाल झामुमो के योगेंद्र महतो विधायक हैं। जब भाजपा से समझौते के बाद गोमिया विधानसभा सीट भाजपा के खाते में चली गयी, तो कभी सुदेश महतो का दाहिना हाथ माने जाने वाले योगेंद्र महतो बिदक गये और उन्होंने झामुमो का दामन थाम लिया। भाजपा उम्मीदवार माधवलाल सिंह के खिलाफ खड़े योगेंद्र महतो के पक्ष में लहर चल गयी और उन्होंने काफी मतों के अंतर से माधवलाल सिंह को हराया। लेकिन मात्र ढाई साल ही बीते हैं कि गोमिया में योगेंद्र महतो के खिलाफ हवा चलने लगी है और विकल्प के रूप में लोग लंबोदर महतो को देख रहे हैं। ऐसे भी गोमिया में हर बार बदलाव होता है। 2009 में माधवलाल सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीता था। 2005 में भाजपा के टिकट पर छतरूराम महतो जीते थे। चर्चा है कि आजसू के टिकट से ही लंबोदर 2019 में चुनावी में किस्मत आजमायेंगे।
मंत्री चंद्रप्रकाश चौधरी भी इस क्षेत्र से उन्हें आगे बढ़ा रहे हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव में इस सीट पर आजसू की खास नजर है। कारण यहां किसी खास दल का वर्चस्व नहीं रहा है।

विकास कार्यों की लंबी है फेहरिस्त
डॉ लंबोदर महतो ने पाड़ी के अलावा कसमार प्रखंड के अन्य क्षेत्रों में भी जल संचयन तथा विकास के अन्य कार्यों को सरजमीं पर उतारने की पहल की है। इनमें पुल-पुलिया, सड़क, बिजली, तालाब, चैक डैम, स्कूल, आइटीआइ आदि शामिल है। इनके प्रयास से सिंहपुर में स्थापित सिंहपुर इंटर कॉलेज आज क्षेत्र का महत्वपूर्ण शैक्षणिक संस्थान बन गया है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, डिस्टेंस कोर्स के लिए भानू महतो हायर एजुकेशनल इंस्टीच्यूट, स्कूल आदि इनके प्रयास से स्थापित हुए हैं।

पाड़ी गांव की बदल गयी तकदीर
मुरहुलसूदी पंचायत अंतर्गत सेंवाती घाटी की तलहटी पर बसा सुदूरवर्ती पाड़ी गांव, जो कल तक विकास की किरणों से बिल्कुल अछूता और नक्सल प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाना था। आज यहां बदलाव की बयार बह रही है। विकास की लकीरें हर ओर दिखाई पड़ रही हैं। खेत सिंचित हो रहे हैं। घर-घर पीने का पानी पहुंच गया है। रोड, पुल-पुलिया, चेक डैम से लेकर विकास के अनेक कार्य हुए हैं। सौर ऊर्जा से संचालित झारखंड की पहली पानी टंकी इसी गांव में बनी है। इसका श्रेय गांव वाले डॉ लंबोदर महतो को देते हैं। उन्हें इस बदलावों के वाहक मानते हैं। कारण लंबोदर भी मूलत: इसी गांव के निवासी हैं।
क्षेत्र और जनता के बीच लोकप्रिय
अधिकारी बनने का सपना तो गांव का हर नौजवान देखता है, लेकिन सफलता मिलने के बाद अधिकतर नौजवान गांव की ओर ताकते भी नहीं। उनकी जिंदगी चमक-दमक के बीच फंस जाती है। लेकिन, डॉ लंबोदर इसके उलट शख्सियत हैं। अपनी जन्मभूमि की सूरत बदलने के लिए डॉ लंबोदर ने अनेक कार्य करवाये और क्षेत्र की जनता के बीच आदर्श बन कर उभरे। आज क्षेत्र के हजारों घरों में डॉ लंबोदर महतो की चर्चा हो रही है। लोगों का कहना है कि लंबोदर ने गांव की दशा और दिशा बदल दी है।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version