गढ़वा: छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में हुए नक्सली हमले में शहीद 25 जवानों में से एक गढ़वा निवासी आशीष कुमार सिंह (27) थे। आशीष 30 अप्रैल को छुट्टी पर अपने गांव आनेवाले थे। पर बीती रात उनके परिजनों को उनके शहीद होने की सूचना मिली। शहीद की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। वह बार-बार बेहोश हो रही थीं। इधर, उनका पांच साल का बेटा अपनी मां से बार-बार पूछ रहा था- ‘पापा को क्या हो गया? तुम क्यों रो रही हो’?
शहीद के अंतिम संस्कार में उमड़े लोग
शहीद आशीष कुमार सिंह का पार्थिव शरीर मंगलवार को उनके गांव गरनाहा पहुंचा। यहां लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। देर शाम उनका अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान लोगों में नक्सलियों की इस करतूत के खिलाफ गुस्सा भी नजर आया।
2010 में सीआरपीएफ ज्वाइन किया था
आशीष ने मैट्रिक पास करने के बाद 2010 में सीआरपीएफ ज्वॉइन किया था। उनके दो बेटे हैं। एक पांच साल, दूसरा ढाई साल का। परिजनों ने बताया कि आशीष जनवरी में अपने दादा के दाह-संस्कार में शामिल होने के लिए आये थे। इसके बाद से वे ड्यूटी पर ही थे। आशीष के बड़े भाई आइटीबीपी, चंडीगढ़ में तैनात हैं।

सीएम रघुवर ने शहीद आशीष को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की
रांची। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को हुए नक्सली हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने झारखंड के गढ़वा जिला निवासी सीआरपीएफ के जवान आशीष कुमार सिंह की मौत पर गहरी संवेदना एवं शोक व्यक्त किया। उन्होंने घोषणा की है कि गढ़वा के गरनाहा गांव के रहनेवाले शहीद आशीष कुमार के आश्रितों को पांच लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी।

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