रांची: जीएसटी बिल को लेकर झारखंड विधानसभा का विशेष सत्र गुरुवार को बुलाया गया है। संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद विधानसभा में भी इस पर मुहर लगाने के लिए सत्र बुलाया गया है। जीएसटी बिल को लेकर विपक्ष को कोई आपत्ति नहीं है। इसलिए बिल के पास होने में कोई अड़चन नहीं है, लेकिन झामुमो ने साफ कह दिया है कि वह बिल का नहीं, लेकिन मुख्यमंत्री का विरोध जरूर करेगा। झामुमो ने मांग की है मुख्यमंत्री शिबू सोरेन के खिलाफ दिये बयानों के लिये माफी मांग, तभी वह सदन चलने देगा। कांग्रेस ने बिल का समर्थन किया है और राज्यहित में इसके लागू होने की वकालत की है, वहीं झाविमो ने अब तक अपना स्टैंड क्लीयर नहीं किया है।
भाजपा-झामुमो में क्यों है तनाव: भाजपा-झामुमो में तनाव लिट्टीपाड़ा विधानसभा उपचुनाव के समय से पैदा हुआ। सभी सभाओं में भाजपा और झामुमो ने एक दूसरे पर खूब आरोप लगाये। चुनाव परिणाम आने के बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास ने फिर संथाल का दौरा किया। अपनी सभाओं में उन्होंने जनता से कहा कि आखिर कब तक शिबू सोरेन को ढोते रहेंगे। हालांकि झामुमो ने भी इस पर पलटवार किया। झामुमो ने कहा कि भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्णआडवाणी को किनारे कर दिया। दोनों दलों ने एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी की।

1 जुलाई से एक देश, एक टैक्स की व्यवस्था
जीएसटी विधेयक अंतरराज्यीय व्यापार के मद्देनजर पारित कराया जायेगा। एक देश, एक टैक्स की सोच के साथ सरकार देश में एक जुलाई से नयी कर व्यवस्था जीएसटी लागू करने जा रही है, लेकिन इससे पहले संसद से पारित जीएसटी विधेयकों को राज्यों की 50 प्रतिशत विधानसभाओं की मंजूरी जरूरी है। झारखंड सरकार इस मामले में जल्द कानूनी बाधाओं को दूर कर केंद्र सरकार को सकारात्मक संदेश देना चाहती है। राज्य में जीएसटी लागू करने को लेकर सरकार की ओर से पूरी तैयारियां की जा रही हैं। सोमवार को ही जीएसटी का प्रारूप तैयार कर सरकार ने विधानसभा में भेज दिया है, ताकि विधायकोंं के बीच इसे वितरित किया जा सके।

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