पटना: राज्य के जन अधिकार पार्टी से सांसद पप्पू यादव को हथकड़ी लगाकर अदालत में पेश किए जाने के मामले में सरकार ने बड़ी कार्यवाई की है। बता दें कि पुलिस के इस हरकत पर सांसद पप्पू यादव की पत्नी और कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने बीते दिन लोकसभा में कड़ी निंदा की और मामले में कार्यवाई की मांग की थी, जिसके बाद जांच के आदेश दिए गए थे।

इस बीच शुक्रवार को खबर है कि बिहार पुलिस के इस हरकत पर सरकार ने बड़ी कार्यवाई करते हुए करीब 11 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है। मामले पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मनु महाराज ने बताया कि निलंबित किए जाने वाले पुलिसकर्मियों में दो अधिकारियों के साथ 9 सिपाही शामिल हैं।

गौरतलब हो कि 24 जनवरी को विधानसभा में व्यवस्था को लेकर पटना शहर के गांधी मैदान थाने में दर्ज मामले में पुलिस ने सांसद पप्पू यादव को 27 मार्च की रात पटाना स्थित उनके आवासा से गिरफ्तार किया था। इसके बाद एक अप्रैल को पटना जिला अदालत में पप्पू याद की पेशी हुई जहा उन्हें हथकड़ी पहनाकर पेश किया गया है, जिसपर बवाल मचा हुआ है।

क्या था पूरा मामला

आप को बता दे कि मामले में एक अप्रैल को प्रथम श्रेणी की न्यायिक दंडाधिकारी संगीता कुमारी ने अदालत में पप्पू यादव को पेश किए जाने पर दोनों पक्षों की दलीले सुनने के बाद पप्पू की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। उन्हें 13 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के निर्देश दिए थे। आपको बता दें कि जन अधिकारी पार्टी (जैप) के प्रमुख पप्पू यादव बिहार में बिजली की दरों में बढ़ोतरी और बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) परीक्षा प्रश्नपत्र लीक मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने के दौरान पप्पू यादव की पार्टी के कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें कई लोग घायल हो गए थे।

इस प्रदर्शन में जन अधिकार पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ता विधानसभा का घेराव करने सड़क पर उतरे थे। पुलिस को प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए आंसू गैस के गोले तक छोड़ने पड़े और लाठीचार्ज भी करनी पड़ी। इस बीत प्रर्शनकारियों ने भी पुलिस पर पथराव किया, जानकारी के अनुसार इस झड़प में दोनों तरफ के करीब एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए थे।

इसी मामले में गिरफ्तार किए गए सांसद पप्पू यादव हो गए। तो वहीं इस मामले में पप्पू को एक अप्रैल को अदालत में पेश किए जाने के लिए पटना स्थित बेउर जेल से कैदियों के वाहन के जरिए हाथ में हथकड़ी लगाए हुए लाया गया। और उनकी जमानत की याचिका खारिज होने पर उन्हें फिर से जेल भेज दिया गया था।

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