रांची: राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि वह बच्चों को प्रोत्साहित करने के लिए कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय जाती हैं। वे जानना चाहती हैं कि यहां के बच्चे कैसे रह रहे हैं, सरकार द्वारा संचालित सुविधाएं सुलभ हो रही हैं अथवा नहीं? उन्होंने कहा कि बच्चों को शैक्षणिक वातावरण उपलब्ध कराने की दिशा में प्रदत्त सुविधाओं का भी वहां जाकर अवलोकन करती हैं। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे ही देश के भविष्य हैं तथा उन पर ही समाज को आगे बढ़ाने का अहम दायित्व है। राज्यपाल ने उक्त बातें गुरुवार को कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय, सिल्ली का भ्रमण करने के क्रम में बच्चों से कहीं।

उन्होंने कहा कि जिस समाज की महिलाएं आगे होंगी, वह समाज विकसित होगा। इस दृष्टिकोण से बालिका शिक्षा की अहमियत को दरकिनार नहीं किया जा सकता है, क्योंकि देश की आधी आबादी महिलाओं की है। उन्होंने बच्चों से कहा कि वे अपने माता-पिता की बात सुनें और गुरुजनों के सहयोग से सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ें और लक्ष्य निर्धारित कर उसे प्राप्त करें। उन्होंने शिक्षकों से अपने दायित्वों के निर्वहन के लिए कहा। साथ ही उन्होंने कहा कि शिक्षक भगवान के रूप होते हैं। इसलिए वे अपने कर्तव्यों का पालन करने में कतई कोताही न बरतें।
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड राज्य के बच्चों में असीम खेल प्रतिभाएं निहित हंै। यहां के लोगों में विभिन्न खेलों के प्रति अत्यंत उत्साह और रुचि देखने को मिलती है। इसमें तीरंदाजी एक अहम खेल के रूप में सामने है। तीरंदाजी के क्षेत्र में राज्य के बच्चों ने राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सफलता अर्जित कर झारखंड को गौरवान्वित करने का कार्य किया है। राज्यपाल सिल्ली में बिरसा मुंडा तीरंदाजी अकादमी का भ्रमण कर रही थीं।
राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि झारखंड राज्य को महेंद्र सिंह धौनी और दीपिका जैसे खिलाड़ियों के लिए भी जाना जाता है। उन्होंने आशा जतायी कि यह अकादमी तीरंदाजी के क्षेत्रों में झारखंड के बच्चों में निहित प्रतिभा को प्रखर करने हेतु सदैव तत्पर रहेगी, ताकि ओलंपिक में भी पदक लाने में इस अकादमी को श्रेय जाये।

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