टाटा स्टील मेडिकल सर्विसेज के जीएम डॉ राजन चौधरी ने एक टेलीकांफ्रेंसिंग के जरिये पत्रकारों को जानकारी देते हुए यह बातें कहीं. इस दौरान उनके साथ टाटा स्टील के कारपोरेट अफेयर्स के चीफ कुलविन सुरी और हेड रुना राजीव कुमार भी थे. डॉ राजन ने बताया कि टीएमएच में आम लोगों का इलाज भी हो रहा है, जिसके लिए पर्याप्त बेड है. सामान्य बीमारियों का इलाज टीएमएच में हो रहा है और करीब 250 मरीज का इलाज टीएमएच में अन्य बीमारियों का भरती होकर हो रहा है. टीएमएच में इमरजेंसी के पास एक काउंटर बनाया गया है, जहां पहले कोरोना वायरस की जांच हो रही है. थोड़ा भी लक्षण पाया जाता है तो फिर उसका सैंपल लेकर आइसोलेशन वार्ड में रखा जाता है और फिर उसका सैंपल लेकर इलाज के लिए भेजा जाता है. डॉ राजन ने बताया कि कोरोना वायरस को देखते हुए टीएमएच लगातार सक्रिय है. इस कड़ी में बड़ा कदम उठाते हुए टीएमएच प्रबंधन ने अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग, जिसमें 6ए, 6बी, 7ए, 7बी और लेबर रुम को पूरी तरह कोरोना वायरस के इलाज के लिए समर्पित कर दिया है. इसके तहत करीब 600 से ज्यादा बेड कोरोना वायरस के मरीजों के लिए रखा गया है. जहां तक कोरोना वायरस के टेस्टिंग की बात है तो कोरोना वायरस का टेस्टिंग की सुविधा के लिए काफी जोर लगाया गया है और उम्मीद की जा रही है कि एक सप्ताह में टेस्टिंग की सुविधा शुरू हो जायेगी. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि टीएमएच में अब तक 130 सैंपल एमजीएम अस्पताल में चेकिंग के लिए भेजा गया था जिसमें से 15 रिजल्ट आना बाकि है, लेकिन बाद बाकि सारा नेगेटिव ही आया है, यानी कोरोना वायरस का पोजिटिव केस एक भी नहीं आया है. उन्होंने बताया कि संदिग्ध मरीजों का आना जाना लगा रहता है. इसके तहत आइसीयू में करीब 20 लोगों का इलाज किया गया है जबकि आइसोलेशन में 18 से 20 लोग रहते है, जिनका रिपोर्ट आने के बाद उनको आइसोलेशन से बाहर निकालकर दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया जाता है और दूसरी बीमारियों का इलाज किया जाता है. आउटलोकेशन के अस्पतालों के बारे में जानकारी देते हुए डॉ राजन चौधरी ने बताया कि ओड़िशा के जोड़ा में 50, पश्चिम सिंहभूम जिले के नोवामुंडी में 25, वेस्ट बोकारो में 25 और झरिया में 20 बेड कोरोना वायरस के लिए आरक्षित रखा गया है. टीएमएच ही नहीं बल्कि टाटा स्टील की पूरी टीम और उससे जुड़े अस्पताल में सारी सुविधाएं उपलब्ध है ताकि इलाज लोगों का हो सके