Close Menu
Azad SipahiAzad Sipahi
    Facebook X (Twitter) YouTube WhatsApp
    Wednesday, May 21
    • Jharkhand Top News
    • Azad Sipahi Digital
    • रांची
    • हाई-टेक्नो
      • विज्ञान
      • गैजेट्स
      • मोबाइल
      • ऑटोमुविट
    • राज्य
      • झारखंड
      • बिहार
      • उत्तर प्रदेश
    • रोचक पोस्ट
    • स्पेशल रिपोर्ट
    • e-Paper
    • Top Story
    • DMCA
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Azad SipahiAzad Sipahi
    • होम
    • झारखंड
      • कोडरमा
      • खलारी
      • खूंटी
      • गढ़वा
      • गिरिडीह
      • गुमला
      • गोड्डा
      • चतरा
      • चाईबासा
      • जमशेदपुर
      • जामताड़ा
      • दुमका
      • देवघर
      • धनबाद
      • पलामू
      • पाकुर
      • बोकारो
      • रांची
      • रामगढ़
      • लातेहार
      • लोहरदगा
      • सरायकेला-खरसावाँ
      • साहिबगंज
      • सिमडेगा
      • हजारीबाग
    • विशेष
    • बिहार
    • उत्तर प्रदेश
    • देश
    • दुनिया
    • राजनीति
    • राज्य
      • मध्य प्रदेश
    • स्पोर्ट्स
      • हॉकी
      • क्रिकेट
      • टेनिस
      • फुटबॉल
      • अन्य खेल
    • YouTube
    • ई-पेपर
    Azad SipahiAzad Sipahi
    Home»Breaking News»कोरोना से जंग तो जीतेंगे, पर बाद में होगी हेमंत की असली परीक्षा
    Breaking News

    कोरोना से जंग तो जीतेंगे, पर बाद में होगी हेमंत की असली परीक्षा

    azad sipahiBy azad sipahiApril 18, 2020No Comments7 Mins Read
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Share
    Facebook Twitter WhatsApp Telegram LinkedIn Pinterest Email
    • लॉकडाउन खत्म होेने के बाद भी कंटीला होगा रास्ता
      खरमास में शपथ लेनेवाली हेमंत सरकार के समक्ष कोरोना संकट एक के बाद एक चुनौतियां पेश कर रहा है। ये चुनौतियां राज्य की वित्तीय स्थिति मजबूत करने के साथ केंद्र के साथ मिलकर लॉकडाउन के बाद गरीबों और जरूरतमंदों का पेट भरने की तो है ही, लॉकडाउन खत्म होने के बाद दूसरे राज्यों से लौटनेवाले प्रवासी मजदूरों को भोजन और रोजगार मुहैया कराने की भी है। पर अच्छी बात यह है कि हेमंत सोरेन इन परीक्षाओं में खरे उतरते दिख रहे हैं। हेमंत सोरेन को विरासत में खाली खजानेवाला राज्य मिला, अभी इस चुनौती से सरकार निपट ही रही थी कि कोरोना संकट ने सरकार को मुश्किल में डाल दिया। पर हेमंत सोरेन ने इस चुनौती को भी न केवल स्वीकार किया है, बल्कि इससे लड़ने की कुशलता दिखाकर अन्य राज्यों के सामने मिसाल कायम की। झारखंड समेत पूरे देश में लॉकडाउन पीरियड तीन मई तक है। ऐसी संभावनाएं हैं कि केंद्र सरकार इसका पीरियड अब नहीं बढ़ायेगी। पर जो सात लाख मजदूर बाहर फंसे हैं, वे जब झारखंड में आयेंगे, तो उनकी जांच, राशन और रोजगार की व्यवस्था करना सरकार के सामने बड़ी चुनौती होगी। हेमंत सोरेन सरकार के समक्ष लॉकडाउन के बाद की चुनौतियों को रेखांकित करती दयानंद राय की रिपोर्ट।लॉकडाउन की चुनौतियों से तत्परता से जूझने में जुटी हेमंत सोरेन सरकार के लिए लॉकडाउन की बाद की स्थिति कड़ी चुनौती पेश करेगी। यह हेमंत सरकार के लिए एक और अग्निपरीक्षा का दौर होगा। झारखंड में सात लाख लोग लॉक डाउन शुरू होने से पहले ही राज्य में आ चुके हैं। करीब इतने ही लोग लॉक डाउन खत्म होने के बाद और आयेंगे। इनके लिए भोजन और रोजगार मुहैया कराना सरकार के समक्ष चुनौती पेश करेगा। एक व्यक्ति पर यदि पांच लोग आश्रित हों, तो करीब 70 लाख लोगों को भोजन मुहैया कराने की चुनौती सरकार के सामने होगी। मौसम विज्ञान विभाग की मानें तो झारखंड में मानसून की इंट्री 14 जून को होगी। इस साल मानसून सामान्य रहने का पूर्वानुमान है। मानसून के पहले र्इंट-भट्ठे बड़ी आबादी को रोजगार दे सकते हैं। राज्य में लगभग 12 हजार र्इंट-भट्ठे हैं और इनमें से हरेक में औसतन 50 लोगों को रोजगार मुहैया कराने की क्षमता है। ऐसे में बड़ी आबादी को ये रोजगार मुहैया करा सकते हैं। पर मानसून शुरू होते ही यहां काम बंद हो जायेगा। ऐसे में इनके समक्ष फिर रोजगार की समस्या आयेगी। केंद्र सरकार के अनाज आवंटन के अलावा हेमंत सरकार ने राज्य के हर व्यक्ति को भूखा नहीं रहने देने के लिए दो सौ करोड़ का आवंटन किया है। इसके अलावा राज्य में बाहर से आनेवाले सात लाख लोगों की टेस्टिंग भी सरकार के समक्ष चुनौती होगी। हेमंत सरकार ने केंद्र से इसके लिए एक लाख रैपिड टेस्टिंग किट की मांग की है। झारखंड सरकार राज्य में किसी को भी भूखा न रहने देने के अपने संकल्प के साथ लोगों को आहार के साथ राशन भी मुहैया करा रही है। प्रवासी मजदूरों के लिए सरकार ने कोरोना सहायता एप लांच किया है, जिसमें उनके खाते में एक हजार रुपये एक सप्ताह के अंदर डाले जायेंगे।
      संसाधनों की कमी से जूझ रही है सरकार
      एक टीवी चैनल को दिये गये इंटरव्यू में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार के पास संसाधनों की कमी है। हमारी स्थिति ऐसी है कि हमारे पास एके 47 तो है, पर गोली नहीं है। ऐसे में केंद्र सरकार जैसे-जैसे संसाधन उपलब्ध करा रही है। हम काम कर रहे हैं। हमारे पास दस हजार टेस्टिंग किट है। यह पर्याप्त नहीं है। हमने 25 हजार टेस्टिंग किट की मांग की है। हमने एक लाख रैपिड टेस्टिंग किट की मांग की है। हमने केंद्र से तीन सौ थर्मल स्कैनर मांगे थे, पर एक सौ ही मिले हैं। सरकार दो मोर्चों पर काम कर रही है इनमें से एक सामाजिक सुरक्षा और दूसरी स्वास्थ्य सेवा है। इसमें सामाजिक सुरक्षा में हमारी स्थिति बेहतर है।
      केंद्र ने दिया बकाया तो नहीं होगी दिक्कत
      केंद्र की लोहा और कोयला कंपनियों पर झारखंड का करीब 50 हजार करोड़ बकाया है। इसके अलावा जीएसटी का हिस्सा और केंद्र से विशेष पैकेज की मांग झारखंड सरकार ने की है। विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई वीडियो कांफ्रेंसिंग में हेमंत सोरेन ने अपना पक्ष बखूबी रखा है। ऐसे में उम्मीद जतायी जा रही है कि केंद्र झारखंड को उसका बकाया भुगतान करने के साथ विशेष पैकेज भी देगा। यदि यह राशि सरकार को मिल जाती है, तो हेमंत सोरेन सरकार की चुनौतियां आसान हो जायेंगी, क्योंकि यह बड़ी राशि है। झारखंड सरकार का बजट ही 86 हजार करोड़ से कुछ अधिक का है। ऐसे में इस राशि की अहमियत स्पष्ट है। लॉकडाउन पीरियड में सरकार ने जनता के लिए भोजन की व्यवस्था कर दी है, पर लॉकडाउन खत्म होने के बाद सरकार के समक्ष न सिर्फ भोजन, बल्कि बाहर से मजदूरों की टेस्टिंग और उन्हें रोजगार मुहैया कराने की जरूरत होगी। मनरेगा में मजदूरी, र्इंट-भट्ठों में काम और खेती-बाड़ी यहां इन लोगों को काम मिलने की गुंजाइश है। मनरेगा में मजदूरी का भुगतान केंद्र सरकार करती है। ऐसे में यहां राशि की दिक्कत झारखंड सरकार को नहीं होगी। पर यदि सरकार ने बकाये का भुगतान नहीं किया, तो सरकार के समक्ष दिक्कतें आयेंगी, क्योंकि संसाधनों का बड़ा हिस्सा सरकार को कोरोना संकट से निपटने में खर्च करना होगा। ऐसे में दूसरी योजनाओं का संचालन और अन्य कार्यों के लिए सरकार के पास धन का अभाव हो सकता है।
      मानसून अच्छा हुआ तो कम होगी दिक्कत
      झारखंड में जो मजदूर बाहर से आयेंगे, उनमें से अधिकांश को रोजगार और काम खेती-बारी देगी। झारखंड में खेती अभी भी मानसून पर निर्भर है। यदि मानसून सीजन में अच्छी बारिश हुई, तो फिर खेती बड़ी आबादी को रोजगार देने में सक्षम होगी। पर खेती के लिए किसानों को अच्छा बीज, खाद और कीटनाशक मुहैया कराना सरकार के लिए बड़ी चुनौती पेश करेगा। कोरोना संकट ने झारखंड के किसानों की कमर तोड़ दी है। उनके पास नगदी का अभाव है और कृषि कार्य के लिए नगदी की व्यवस्था करना भी सरकार के लिए चुनौती होगी। कोरोना संकट के कारण सरकार का राजस्व संग्रह प्रभावित हुआ है। इसका असर इस वर्ष सरकार के कामकाज पर पड़ना तय है। इसके साथ ही वर्ष 2021 में भी इसका असर दिखेगा।
      चुनौती तो है, पर निबटने में सरकार सक्षम
      झारखंड सरकार में वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने बताया कि लॉकडाउन के बाद जो प्रवासी मजदूर झारखंड में बाहर से आयेंगे, उनके लिए रोजगार और भोजन की व्यवस्था करना सरकार के समक्ष चुनौती तो पेश करेगा, पर सरकार इन चुनौतियों से निबटने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन खत्म होने के बाद अन्य राज्यों में फंस मजदूरों को लाने के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा जायेगा। केंद्र सरकार बस या फिर रेल से उनकी वापसी की व्यवस्था करेगी। इन प्रवासियों की जांच होगी उनमें से जो भी पॉजिटिव होंगे उनका इलाज होगा और जो नेगेटिव होंगे उनके लिए स्कूल और पंचायत भवनों में चौदह दिनों तक क्वारेंटाइन की व्यवस्था की जायेगी। इनको रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा का कार्य 20 अप्रैल से राज्य में शुरू हो जायेगा। इसके अलावा जो वापस आयेंगे, उनमें से अधिकांश के पास कुछ न कुछ जमीन है। ऐसे में वे खेती-बारी में जुटेंगे। सरकार 58 लाख लोगों के लिए तीन महीने के अनाज की व्यवस्था कर चुकी है। अन्य जो भी राशन के लिए आवेदन देंगे, उन्हें भी सरकार राशन देगी। जो सात लाख लोग लॉकडाउन खत्म होने के बाद आयेंगे, उनके लिए सरकार ने भोजन की व्यवस्था कर दी है। कृषि के लिए उन्हें खाद-बीज सरकार मुहैया करायेगी। सरकार लॉकडाउन के बाद की परिस्थितियों पर विचार कर चुकी है और केंद्र सरकार के सहयोग से हम चुनौतियों पर विजय हासिल करेंगे।
    Share. Facebook Twitter WhatsApp Telegram Pinterest LinkedIn Tumblr Email
    Previous Articleजमशेदपुर में 52 कोरोना संदिग्ध की जांच रिपोर्ट आई, 30 का इंतजार, झारखंड सरकार ने कई कंपनियों को लॉकडाउन में चालू करने की दी इजाजत
    Next Article चोरी-छिपे रांची से चक्रधरपुर पहुंचा था युवक, पुलिस ने पकड़ कर किया क्वारंटाइन, जमशेदपुर में भी चेन्नई से आया युवक पकड़ाया
    azad sipahi

      Related Posts

      पाकिस्तान को बेनकाब करने उतरी पीएम मोदी की टीम

      May 21, 2025

      पाकिस्तान-चीन-बांग्लादेश मिल कर बना रहे आतंक की नयी फैक्ट्री

      May 20, 2025

      भारत को अब आतंकी घुसपैठ से अलर्ट रहने की जरूरत

      May 19, 2025
      Add A Comment

      Comments are closed.

      Recent Posts
      • पेरिस ओलंपिक के बाद पहली बार अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में उतरेंगी भारतीय महिला बॉक्सर
      • केकेआर ने आईपीएल के अतिरिक्त समय नियम पर उठाए सवाल
      • छत्तीसगढ़ में रायपुर स्टेशन के नजदीक मालगाड़ी के दो डिब्बे पटरी से उतरे
      • गुजरात में एशियाई शेरों की संख्या बढ़कर 891 हुई
      • ट्रंप ने की 175 बिलियन डॉलर की ‘गोल्डन डोम’ मिसाइल रक्षा परियोजना की घोषणा
      Read ePaper

      City Edition

      Follow up on twitter
      Tweets by azad_sipahi
      Facebook X (Twitter) Instagram Pinterest
      © 2025 AzadSipahi. Designed by Microvalley Infotech Pvt Ltd.

      Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.

      Go to mobile version