मेदिनीनगर। सीआरपीएफ की वीरता की कई गाथाएं हैं। नक्सल विरोधी अभियान में सीआरपीएफ 134 बटालियन की अहम भूमिका रही है। बूढ़ा पहाड़ का क्षेत्र चारों तरफ से आईईडी से घिरा था। जवानों ने वीरता दिखाते हुए इसे नक्सल मुक्त कराया। बूढ़ा पहाड़ अभियान में 134 बटालियन के जवानों की भी अहम भूमिका रही। जवानों ने इसे नक्सलियों से मुक्ति दिलाई, जिससे क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम है। इसकी चहुंओर सराहना की गई।
यह बातें सीआरपीएफ पलामू रेंज के डीआईजी विनय नेगी ने रविवार को कही। वे सीआरपीएफ 134वीं बटालियन के 30वें स्थापना दिवस पर रविवार को जीएलए कॉलेज परिसर स्थित बटालियन मुख्यालय में आयोजित सांस्कृतिक समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ 134 बटालियन का गठन 01 अप्रैल, 1994 को जम्मू के बनतालाब में हुआ था। वर्ष 2008 से यह बटालियन पलामू में तैनात है तथा नक्सल विरोधी अभियान में जुटे हैं।
उन्होंने सीआरपीएफ 134 बटालियन के 30वें स्थापना दिवस पर वाहिनी के सभी अधिकारियों एवं जवानों को शुभकामनाएं एवं बधाई दी। साथ ही जवानों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि जवानों ने विषम परिस्थितियों में भी खुश रहने की सीख दी। सकारात्मक सोच के साथ सकारात्मक माहौल बनाया। उन्होंने जवानों एवं उनके बच्चों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम में प्रस्तुति को मनमोहक बताया। बटालियन के कमांडेंट सुदेश कुमार ने सभी का स्वागत किया। साथ ही बटालियन की स्थापना और पलामू में तैनाती पर प्रकाश डाला।
इस मौके सीआरपीएफ 112 बटालियन के कमांडेंट प्रमोद कुमार साहू, सीएमओ डॉ. राजेश गुप्ता, द्वितीय कमान अधिकारी नरेंद्र कुमार, पलामू के पुलिस अधीक्षक चंदन कुमार सिन्हा, 172वीं बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी जेपी सिंह, 134वीं बटालियन के द्वितीय कमान अधिकारी दीपेंद्र कुमार, डीएसपी सुरजीत कुमार, विजय कुमार सहित अन्य अधिकारी जवान उनके परिजन एवं बच्चे उपस्थित थे।