आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। रांची के डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से शिष्टाचार मुलाकात की। इस संबंध में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि जिस गर्मजोशी से महामहिम ने मुलाकात की यह उनके सरल व्यक्तितव को दशार्ता है। उन्होंने राष्ट्रपति को बताया कि झारखंड सरकार नगर निकाय को लगातार कमजोर करने की साजिश कर रही है। उन्होंने इस दौरान राष्टÑपति से नगर निकायों की मजबूती के लिए 74वां संशोधन लागू कराने की मांग की। डिप्टी मेयर ने महामहिम का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा नगर निकायों को किस तरह दबाया जाता है। इसका ताजा उदाहरण है, कि पिछले दो सालों से झारखंड के 13 नगर निकायों का चुनाव लंबित है और झारखंड की राजधानी रांची सहित 33 नगर निकायों का कार्यकाल अप्रैल माह 2023 में पूरा हो रहा है। लेकिन नगर निकाय चुनाव कराने की सरकार की मंशा नहीं है। इसके फलस्वरूप अप्रैल माह के बाद आरखंड की राजधानी रांची सहित झारखंड के सभी 46 नगर निकायों का मत हो जाएगा। जिससे सभी 45 नगर निकायों के क्षेत्र में निवास करने वाले जनमानस का अपने कार्यों को कराने के लिए नगर निकाय के पदाधिकारियों के पास दौड़ना पड़ेगा। जिससे आम जनमानस को काफी असुविधा का सामना करना पड़ेगा।
झारखंड नगर निगम परिषद में 74 वां संशेधन लागू नहीं होने से नगर निगम में जनप्रतिनिधियों की स्थिति सुदृढ़ नहीं है। नगर निगम में अफसरशाही हावी है। नगर निकाय एक स्वत संस्था होती है परन्तु राज्य सरकार का नियंत्रण इतना ज्यादा है कि नगर निगम परिषद् की मासिक बैठक में लिए गए निर्णयों को लागू करना सदस्यों के लिए संभव नहीं हो पाता है। राज्य सरकार जैसे चाहे नगर निकायों पर अपना हस्तक्षेप कर नगर निकायों की स्वतंत्रता को समाप्त करती है। इस कारण नगर निकायों में अफसरशाही जरूरत से ज्यादा हावी है। इसका असर साफ तौर पर नगर निकाय के अन्तर्गत जनता पर पड़ता है। नगर निकाय चुनाव जीत कर जनता के बीच से आए जनप्रतिनिधि भी अपने आप को ठगा हुआ महसूस करते हैं। आज यह हालत है कि नगर निकाय को यह भी अधिकार नहीं है कि अपने निकाय के अनुसार कर्मचारियों की नियुक्ति कर सके या किसी कर्मचारी का तबादला कर सके।

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