सरना धर्म कोड और 1932 के खतियान जैसे अनेक महत्वपूर्ण मामलों पर अपनी स्थिति स्पष्ट करें बाबूलाल और अन्य भाजपा नेता
रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि झारखंड एवं यहां के लोगों से जुड़े जमीनी और आधारभूत मुद्दों से भटका कर कम महत्व के विषयों की ओर जब-तब ध्यान खींचने के साथ ही आम जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा करने से बचना भारतीय जनता पार्टी और इसके नेताओं की पहचान है। उन्होंने कहा कि इसके कारण ही पिछले 22 वर्षों में झारखंड को बहुत अधिक खामियाजा भुगतना पड़ा है। श्री तिर्की ने कहा कि बाबूलाल मरांडी, भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल के नेता जैसे महत्वपूर्ण पद पर हैं और वह केवल अपनी कमी और गलत नीतियों के कारण ही विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता नहीं बन पाये हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य विपक्षी विधायक दल के नेता के रूप में उनसे गंभीरता की अपेक्षा की जाती है, परंतु जमीनी मुद्दों से भटकाने की उनकी नीति झारखंड के लिए आत्मघाती साबित हो रही है।
श्री तिर्की ने कहा कि, शराब से कम या ज्यादा राजस्व की प्राप्ति भी एक महत्वपूर्ण विषय है। यह नियमित प्रक्रिया है कि किसी वित्तीय वर्ष में या फिर किसी सरकार में शराब से कम या ज्यादा राजस्व संग्रहण हो, लेकिन भाजपा नेता, सरना धर्म कोड,1932 के खातियान, 27 प्रतिशत आरक्षण आदि मामलों पर अपने विचार क्यों नहीं बताते कि उनकी पार्टी इस मामले पर क्या विचार रखती है? श्री तिर्की ने कहा कि, शराब से राजस्व संग्रहण से ज्यादा जरूरी यह है कि झारखंड और झारखंड की जमीनी समस्याओं का समाधान और इसकी पहचान दिलाना क्योंकि झारखंड के आदिवासियों और मूलवासियों के साथ ही झारखंड के लोगों से जुड़े आधारभूत मुद्दों के समाधान का मामला आम जनमानस की भावना से पूरी तरीके से जुड़ा है।