केंद्र सरकार नहीं चाहती कि झारखंड सरकार तरीके से काम करे  रांची। झामुमो ने केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप केंद्र सरकार पर लगाया है। महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने मंगलवार को केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि केंद्र सरकार नहीं चाहती कि झारखंड में सरकार तरीके से काम करे। जनकल्याण, लोक सेवा की राह पर आगे बढ़े। भारत सरकार की एजेंसियां जिस तरह से यहां काम कर रही हैं, उससे यही लगता है।  सुप्रियो ने कहा कि केंद्र सरकार की एजेंसियों के रवैये को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट को स्वत: संज्ञान लेना चाहिए। उसे देखना चाहिए कि पिछले नौ सालों में गैर भाजपा शासित राज्यों में कितनी बार केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हुआ।

सरकार को कुछ पता नहीं, अखबारों में सब खबर
सुप्रियो भट्टाचार्य ने केंद्रीय एजेंसियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां मामला मनरेगा में गड़बड़ियों को लेकर शुरू हुआ था, पर अब यह कई शाखाओं, प्रशाखाओं में फैल गया है।  एजेंसियों द्वारा सीएम, अधिकारियों को समन होता है। छापेमारी होती है। कागजातों, पैसों की बरामदगी की बातें सामने आती हैं, पर इसके बारे में कोई औपचारिक सूचनाएं जारी नहीं होतीं।  इसके विपरीत अखबारों में कमोबेश एक जैसी ही खबरें होती हैं। वैसे ही चैनलों पर भी खबरें चलती हैं। सब सूत्रों के हवाले से। ताज्जुब है कि आखिर मीडिया को सूचनाएं देता कौन है। सीबीआइ, इडी अब राज्य में एक अजीब मकड़जाल की तरह दिख रही है। ऐसे में अब कोई अधिकारी भी यहां किसी से बात करने में कतराता है। पूरे सिस्टम को कोलेप्स करने का काम किया जा रहा है। कोरोना के दो सालों के बाद जब सरकार काम करने में लगी, तभी से सरकारी काम को रोकने का नाटक शुरू हुआ है। चपरासी से अधिकारी तक, सबको डराया, धमकाया जा रहा है। बार-बार सीएमओ का नाम लिया जाता है। ऐसे में सिस्टम चलेगा कैसे? केंद्र सरकार को चाहिए कि वह लोकसभा में प्रस्ताव पास कर दे कि गैर भाजपा शासित राज्य नहीं होंगे। केवल और केवल जब तक यह सृष्टि है, भाजपा ही केंद्र से लेकर राज्य तक रहेगी।  इससे केंद्र को किसी तरह की नौटंकी करने की जरूरत ही नहीं होगी। उन्होंने कहा कि कोई भी सरकार चलती है, तो सीएम, मंत्री और उनके अफसरों-कर्मियों से हर दिन सैकड़ों लोग मिलने आते हैं। जो मिलने आते हैं, वे जरूर लिखित फरियाद लेकर आते हैं। लोकप्रिय सरकार का यह दायित्व बनता है कि उनकी समस्या का समाधान करे, इसके लिए संबंधित अफसरों को फोन करे। हम लोगों को भी पार्टी नेता और कार्यकर्ताओं के सैकड़ों फोन आते हैं, लोग आते हैं। हम लोग भी संबंधित अफसरों को समस्या के समाधान को लेकर फोन करते हैं।  यह तो अजीब स्थिति बन गयी है। केंद्र सरकार ने एक साजिश के तहत जांच एजेंसियों को लगा दिया। ऐसा माहौल पैदा किया जा रहा है कि सरकार कोई काम ही न करे। एक कृत्रिम व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

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