रांची। लोकतंत्र बचाओ 2024 का आरोप है कि पिछले 10 वर्षों में देश में नौकरी का संकट पैदा हुआ है। पर्याप्त मजदूरी भी लोगों को नहीं मिल रही है। इस संगठन की ओर से प्रेस क्लब में शनिवार को आयोजित प्रेस वार्ता में अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज ने कहा कि भारत में वास्तविक मेहनताना 2014-15 के बाद से नहीं बढ़ा है, जबकि देश की जीडीपी जरूर बेहतर हुई है। इस दौरान देश की सामाजिक सुरक्षा व्यवस्था भी थम सी गयी है। देश के अनौपचारिक श्रमिकों का जीवन बेहद अनिश्चित है। खासकर झारखंड जैसे राज्यों में जहां आकस्मिक रोजगार लाखों लोगों की आजीविका का मुख्य स्रोत है। मौके पर रितिका खेरा भी मौजूद थीं।
10 वर्षों में आइसीडीएस और मिड डे मील के लिए केंद्रीय बजट में 40 प्रतिशत की गिरावट: ज्यां द्रेज
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