– सुनील सिंह का टिकट काटकर काली चरण सिंह को मौका
-बीजेपी उम्मीदवार के सामने 57 प्रतिशत वोट हासिल करने की चुनौती
रांची। लोकसभा चुनाव से पहले सियासी सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं। नेताओं के पार्टी बदलने से लेकर राजनीतिक बयानबाजी तक का दौर जारी है। ऐसे में रोजाना कई सियासी उलटफेर होते नजर आ रहे हैं।
पिछले दो लोकसभा चुनाव से चतरा संसदीय सीट भाजपा के पास है। भाजपा के वर्तमान सांसद सुनील कुमार सिंह ने 2014 में और फिर 2019 में लगातार जीत दर्ज की। 2019 के लोकसभा चुनाव में सुनील सिंह को 57.03 प्रतिशत मत प्राप्त हुए थे। उन्हें 5,28077 मत प्राप्त हुए थे। इस चुनाव में पहले और दूसरे स्थान पर रहने वाली पार्टी के वोट के प्रतिशत में सबसे अधिक अंतर चतरा सीट पर ही देखने को मिला था। यहां भाजपा को 57.03 प्रतिशत जबकि कांग्रेस उम्मीदवार को 16.22 प्रतिशत जबकि राजद के उम्मीदवार को नौ प्रतिशत वोट प्राप्त हुआ था। भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवार के बीच वोट प्रतिशत का अंतर तीन गुणा से अधिक रहा था।
लोकसभा चुनाव 2024 की घोषणा के साथ ही भाजपा ने रणनीतिक बढ़त हासिल करने की रणनीति पर कार्य करते हुए अपने पहली लिस्ट में ही 11 सांसदों के नाम घोषित कर दिए। फिर चतरा और धनबाद की होल्ड पर रखी गयी दोनों सीटों पर उम्मीदवार के नाम की घोषणा हुई। चतरा सीट से भाजपा ने पहली बार स्थानीय उम्मीदवार को मौका देने का फैसला किया। दो बार के सांसद सुनील सिंह का टिकट काटकर स्थानीय काली चरण सिंह को मौका दिया गया। काली सिंह भाजपा के अनुभवी नेता हैं और वर्तमान में प्रदेश उपाध्यक्ष भी हैं। उन्हें पार्टी और संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है।
स्थानीय को उम्मीदवार बनाकर भाजपा ने एक साथ तीन मोर्चों पर बढ़त हासिल करने का कार्य किया है। पहला संसदीय क्षेत्र की एक पुरानी मांग पूरी करने का, दूसरा विपक्षी दलों के द्वारा इसे चुनावी मुद्दा बनाए जाने से रोकने में सफल होना और तीसरा विपक्षी दलों के गठबंधन उम्मीदवार के नाम की घोषणा से पहले सीट पर अपने उम्मीदवार के नाम की घोषणा करके उम्मीदवार को जनता के बीच जाने का अधिक समय देने का मौका।
वहीं विपक्षी दल अभी भी इस सीट पर उम्मीदवार का चयन नहीं कर पा रहे हैं। भारत निर्वाचन आयोग के द्वारा घोषित तारीखों के तहत चतरा सीट पर चुनाव पांचवें चरण में होगा। इस लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के सामने सबसे बढ़ी चुनौती 2019 के चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को दोहराने और सांसद सुनील सिंह के 57 प्रतिशत के वोट शेयर को बरकरार रखने की होगी। 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य की चार सीटों पर भाजपा को 60 प्रतिशत मत मिले थे। वहीं 2014 में भाजपा ने चतरा में 41.08 प्रतिशत और फिर 2019 के चुनाव में 57 प्रतिशत से अधिक मत प्राप्त किया था। मतों का यह प्रतिशत चतरा लोकसभा सीट के इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी जीत के तौर पर दर्ज है। भाजपा उम्मीदवार को प्राप्त मतों का प्रतिशत एक रिकॉर्ड है जो अब तक चतरा सीट पर दर्ज करने वाले सभी उम्मीदवारों में सबसे ज्यादा है।