रांची। जेटेट पास अभ्यर्थी की ओर से सहायक आचार्य नियुक्ति परीक्षा में सीटेट पास और झारखंड के पड़ोसी राज्य से टेट परीक्षा पास अभ्यर्थी को शामिल करने के मामले में दाखिल याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति जेके महेश्वरी, न्यायमूर्ति संजय करोल की खंडपीठ ने निर्देश दिया कि सरकार और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के बिना सहायक आचार्य नियुक्ति का रिजल्ट प्रकाशित नहीं कर सकती है। क्योंकि यह मामला अभी सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। इसलिए मामले के लंबित रहने तक रिजल्ट प्रकाशित नहीं की जाये। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई जुलाई माह के प्रथम सप्ताह में निर्धारित की है। बता दें कि सहायक आचार्य के लिए हिंदी के लिए परीक्षा 27 अप्रैल से शुरू हो रही है। प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण, अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पैरवी की।

क्या है मामला
सीटेट उत्तीर्ण अभ्यर्थी संघ की ओर से दायर जनहित याचिका पर हाइकोर्ट दिसंबर 2023 में अपना फैसला सुनाया थाण् जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी है। हाइकोर्ट ने करीब 26001 पदों पर सहायक आचार्य की होने वाली नियुक्ति परीक्षा में सीटेट पास अभ्यर्थी या झारखंड के पड़ोसी राज्य से टेट परीक्षा पास करने वाले झारखंड के निवासी अभ्यर्थियों को इस परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में झारखंड टेट पास अभ्यर्थियों परिमल कुमार, अन्य ने हाइकोर्ट की इस आदेश को चुनौती दी थी। प्रार्थी की ओर से वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण, अधिवक्ता अमृतांश वत्स ने पैरवी की। उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में प्रार्थी का पक्ष रखते हुए कहा गया कि झारखंड की क्षेत्रीय भाषा संथाली, खोरठा आदि का ज्ञान जेटेट अभ्यर्थियों के पास है।

Share.

Comments are closed.

Exit mobile version