दीपक सिंह

हजारीबाग। झारखंड का हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र भारत की चुनावी राजनीति में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है।हजारीबाग विविधताओं से भरी है और चुनावी नजरिए से यह झारखंड के लोक सभा क्षेत्रों में रोचक और अहम है। इस निर्वाचन क्षेत्र में विगत 2019 के लोक सभा चुनाव में 64.83% मतदान हुआ था। इस बार यानी कि 2024 में मतदाताओं में खासा उत्साह है और वे लोकतंत्र में वोटों की ताकत दिखाने को और ज्यादा जागरुक और तैयार हैं। प्रशासन भी वोट प्रतिशत बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा। इस वर्ष हजारीबाग लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र से बीजेपी से मनीष जायसवाल और कांग्रेस( इंडिया) गठबंधन से जय प्रकाश भाई पटेल (जेपी पटेल) प्रमुख उम्मीदवार हैं। 2019 के आम चुनावों में यहाँ बहुत मजेदार चुनावी मुकाबला देखने को मिला था। भाजपा के प्रत्याशी जयंत सिन्हा ने पिछले चुनाव में 4,79,548 मतों के अंतर से जीत दर्ज किया। उन्हें 7,28,798 वोट मिले। जयंत सिन्हा ने कांग्रेस के उम्मीदवार गोपाल साहू को हराया जिन्हें 2,49,250 वोट मिले।

इस बार समीकरण कुछ अलग है। भाजपा के भीष्म पितामह रह चुके पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा इंडिया गठबंधन के साथ है और जेपी पटेल के लिए खुल कर बैटिंग कर रहे हैं। साथ ही जेपी पटेल के लिए बरही विधायक उमाशंकर अकेला भी जी जान से लगे हैं। जेपी पटेल को बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद और रामगढ़ की पूर्व विधायक ममता देवी के साथ का भी पूरा उम्मीद है। इसके अलावा सीपीआई के पूर्व सांसद भुनेश्वर प्रसाद मेहता ने भी अभी तक अपना या किसी और का सीपीआई से उम्मीदवारी की घोषणा नही की है। झामुमो और राजद के साथ माले और अन्य वाम दलों के साथ आप पार्टी का भी भरपूर सहयोग मिलने की संभावना है।
वहीं मनीष जायसवाल को नरेंद्र मोदी के नाम के साथ आजसू का भी भरपूर सहयोग मिलेगा। इसके अलावा बरही के पूर्व विधायक मनोज कुमार यादव, रामगढ़ की आजसू विधायक सुनीता चौधरी के अलावा भाजपा और आजसू के अन्य नेताओं का भी पूरा समर्थन मिलेगा।

हजारीबाग लोक सभा सीट पर कब किसका रहा कब्जा

1952 में रामनारायण सिंह ने कांग्रेस पार्टी के ज्ञानी राम को पराजित किया।
1957 में जनता पार्टी के ललिता राज लक्ष्मी ने कांग्रेस के बदरूजमां खान को पराजित किया।
1962 में राजा की जनता पार्टी के डॉ बसंत नारायण सिंह ने कांग्रेस के जमाल अंसारी को पराजित किया।
1967 में राजा की जनता पार्टी के डॉ बसंत नारायण सिंह ने कांग्रेस के दामोदर पांडेय को पराजित किया।
1968 में राजा की जनता पार्टी के उम्मीदवार मोहन सिंह ओबेराय ने कांग्रेस के रामनारायण शर्मा को हराया।
1971 में कांग्रेस के दामोदर पांडेय ने राजा की जनता पार्टी की उम्मीदवार राजमाता ललिता राज लक्ष्मी को हराया।
1977 में राजा की जनता पार्टी के डॉ बसंत नारायण सिंह ने कांग्रेस के दामोदर पांडेय को हराया।
1980 में डॉ बसंत नारायण सिंह ने कांग्रेस पार्टी की अजीमा हुसैन को हराया।
1984 में दामोदर पांडेय ने कांग्रेस पार्टी के लिए यह सीट जीती।
1989 में भाजपा के यदुनाथ पांडेय ने भाकपा के सांसद भुवनेश्वर मेहता को पराजित किया।
1991 में सीपीआई के भुनेश्वर मेहता ने भाजपा के यदुनाथ पांडेय को पटखनी दी।
1996 में भाजपा के महावीरलाल विश्वकर्मा ने भुवनेश्वर मेहता को हरा दिया।
1998 में भाजपा के यशवंत सिन्हा ने भुवनेश्वर मेहता को पराजित कर दिया।
1999 में एक बार फिर यशवंत सिन्हा जीते।
2004 में यशवंत सिन्हा जैसे कद्दावर नेता को भाकपा के भुवनेश्वर मेहता ने पराजित कर दिया।
2009 में यशवंत सिन्हा यहां से भाजपा के टिकट पर जीत भी दर्ज की। 2014 में जयंत सिन्हा ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की।
2019 में एक बार फिर भाजपा के जयंत सिन्हा ने कांग्रेस के गोपाल साहू को पराजित किया।

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