जयपुर। राजभवन में सोमवार को ओडिशा स्थापना दिवस मनाया गया। राज्यपाल कलराज मिश्र ने इस दौरान ओडिशा के स्थानीय लोगों से संवाद कर उन्हें स्थापना दिवस की बधाई और शुभकामना दी।

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि ओडिशा समृद्ध पारंपरिक विरासत के साथ जीवंत संस्कृति वाला प्रदेश है। उन्होंने ओडिशा को भगवान जगन्नाथ, लिंगनाथ की धरती बताते हुए कहा कि अध्यात्म की भारतीय परंपरा से जुड़ी यह भूमि कला की भारतीय परंपरा से भी सर्वाधिक समृद्ध है।

उन्होंने कोणार्क, उदयगिरि और खंडगिरि की गुफाओं की चर्चा करते हुए कहा कि हमारी जो कलात्मक धरोहर है, सभी उसे संरक्षित करने में भी योगदान दें। उन्होंने विश्व इतिहास में प्रसिद्ध रहे कलिंग युद्ध और सम्राट अशोक के हृदय परिवर्तन की चर्चा करते हुए मानवीय मूल्यों के लिए कार्य करने का आह्वान किया।

मिश्र ने ओडिशा के समृद्ध अतीत को याद करते हुए भविष्य के विकास के लिए सतत प्रतिबद्ध होकर कार्य करने पर जोर दिया। इससे पहले ओडिशा के स्थानीय जनों ने राजस्थान में रहने और ओडिशा की संस्कृति के अनुभव साझा किए। आरंभ में राज्यपाल ने सभी को संविधान की उद्देशिका का वाचन करवाया और मूल कर्तव्य पढ़कर सुनाए। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव गौरव गोयल और प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल उपस्थित रहे।

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