नई दिल्ली। विधायकों और सांसदों के खिलाफ दर्ज मामलों की सुनवाई में तेजी लाए जाने की मांग के मामले में एमिकस क्यूरी विजय हंसारिया ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में कहा है कि सांसदों और विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों पर विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में होने वाली सुनवाई में तेजी आई है। फिर भी कोर्ट को इस मामले मे और दिशा निर्देश दिए जाने चाहिए ताकि लंबित मामलों की भी जल्द सुनवाई हो सके।

विजय हंसारिया ने कोर्ट को बताया कि पिछले साल सांसदों-विधायकों के खिलाफ दर्ज मामलों में से दो हजार से ज्यादा मामलों में फैसला सुनाया गया है। विजय हंसारिया ने कोर्ट को बताया कि 1 जनवरी 2023 तक 4,697 आपराधिक मामले दर्ज थे। इनमें से 2,018 मामलों में फैसला आया जबकि साल 2023 में नेताओं के खिलाफ 1746 नए मामले दर्ज होने के साथ ही 1 जनवरी 2024 तक नेताओं के खिलाफ लंबित आपराधिक मुकदमों की कुल संख्या 4,474 हो गई है।

एमिकस क्यूरी के हलफनामे में कहा गया है कि यूपी की विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में दर्ज 1300 मामलों में से 766 मामलों को 2023 में निपटाया गया। दिल्ली में 2023 में दर्ज 105 मामलों में से 103 का निपटारा कर दिया गया। महाराष्ट्र में 476 मामलों में से 232 में कोर्ट का फैसला आ चुका है। पश्चिम बंगाल के एमपी-एमएलए कोर्ट में 26 में से 13 में, कर्नाटक में 226 में से 150 मामलों, केरल में 370 में से 132, बिहार में 525 मामलों में से 171 में फैसला हो चुका है।

हलफनामे में एनजीओ एडीआर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया है कि लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में कुल 2,810 उम्मीदवारों में से 18 प्रतिशत यानी 501 उम्मीदवार दागी हैं। इनमें से 327 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं और अगर दोषी पाए गए तो उन्हें पांच साल या ज्यादा की सजा हो सकती है।

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