वाशिंगटन। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शीर्ष सहयोगी शनिवार को विभिन्न मीडिया आउटलेट्स पर पहुंचे और टैरिफ का बचाव किया। कुछ ने कहा कि उन्होंने पहले ही विदेशी देशों की प्रतिक्रिया सुनी। यह देश अब सौदा करने की कोशिश कर रहे हैं। ट्रंप के शीर्ष आर्थिक सलाहकारों ने दुनिया भर के वित्तीय बाजारों में उथल-पुथल को खारिज कर दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह व्यापार युद्ध अंततः अमेरिका के आर्थिक भाग्य को बेहतर बनाएगा।

न्यूयॉर्क टाइम्स के विश्लेषण में कहा गया कि ब्रेक्सिट की तरह ट्रंप के टैरिफ ने स्थापित व्यवस्था पर बड़ा प्रहार किया है। वैश्विक वाणिज्य के आधार के रूप में यूएस की स्थिति का मतलब है कि ट्रंप के कदम का व्यापक प्रभाव पड़ रहा है। हालांकि ब्रेक्सिट की तरह अंतिम परिणाम भी अनिश्चित हैं। ट्रंप अभी भी अपने फैसले को उलट सकते हैं। आशावादी बताते हैं कि यूरोपीय संघ ब्रिटेन के जाने के बाद भी नहीं टूटा।

इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि अर्थशास्त्रियों ने कहा कि मुक्त व्यापार का उदय अपरिवर्तनीय हो सकता है। इसके लाभ इतने शक्तिशाली हैं कि बाकी दुनिया इस प्रणाली को जारी रखने का कोई रास्ता खोज सकती है। कई लोगों का मानना है कि टैरिफ दर अपेक्षा से कहीं अधिक है और इसने अमेरिका के कारपोरेट जगत को अराजकता में डाल दिया। वॉल स्ट्रीट अभी भी पिछले सप्ताह के नतीजों से उबर नहीं पाया है।

सीएनएन की खबर के अनुसार, इस टैरिफ से शेयर बाजार में बिकवाली और मंदी की आशंका पैदा हो गई है। ट्रंप प्रशासन के अधिकारियों ने रविवार को टेलीविजन नेटवर्क पर राष्ट्रपति के व्यापक टैरिफ का बचाव किया। अधिकारियों ने तर्क दिया कि आयात कर पहले से ही दर्जनों देशों को सौदेबाजी की मेज पर आने के लिए मजबूर कर रहे हैं। कृषि सचिव ब्रुक रोलिंस ने कहा कि 50 देशों ने इस मसले पर राष्ट्रपति ट्रंप से बातचीत करने के लिए इच्छुक हैं। उनके फोन व्हाइट हाउस में घनघना रहे हैं। व्हाइट हाउस के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो ने कहा कि घबराएं नहीं। ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट ने ने मीट द प्रेस के दौरान मंदी की भविष्यवाणी करने वाले अर्थशास्त्रियों और बैंकों की चेतावनियों को खारिज कर दिया।

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