काठमांडू। नेपाल की राजधानी काठमांडू बीते शुक्रवार को राजशाही के समर्थन में हुए प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की जिम्मेदारी लेने से पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के सचिवालय ने इनकार कर दिया है। सचिवालय ने गुरुवार को शाह के हवाले से जारी बयान में आरोप लगाया है कि इस दुखद घटना के लिए सरकार की कमियां और कमजोरी जिम्मेदार हैं।

सचिवालय के संवाद सचिव फनिराज पाठक ने बयान में कहा कि निर्मल निवास और पूर्व राजा के समर्थक प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा, तोड़फोड़ और लूटपाट की जिम्मेदारी नहीं लेंगे। पाठक ने दावा किया कि 28 मार्च को तिनकुने क्षेत्र में हुई तोड़फोड़, आगजनी और दो लोगों की मौत के लिए पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह को जिम्मेदार ठहरा कर ओली सरकार अपनी कमजोरी छुपाने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री ओली ने संसद में इस घटना के लिए सीधे-सीधे पूर्व राजा को दोषी बताते हुए उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की चेतावनी दी थी।

उल्लेखनीय है यह प्रदर्शन पूर्व राजा ज्ञानेन्द्र शाह के 87 वर्षीय कट्टर समर्थक नवरज सुबेदी के नेतृत्व में संयुक्त जनसंघर्ष समिति ने किया था।सुवेदी ने दावा किया था कि उनको पूर्व राजा ने ही इस समिति का नेतृत्व करने के लिए कहा था। शुक्रवार की घटना के बाद से ही सुवेदी को नजरबंद कर दिया गया है।

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