रांची। भारत रत्न डॉ भीमराव अंबेडकर की जयंती पर झारखंड सरकार के मंत्री हफीजुल हसन का एक ऐसा बयान सामने आया है जिसे लेकर सूबे की सियासत गरमा गयी है।
हफीजुल हसन ने क्या कहा?
एक चैनल से बातचीत में झारखंड के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हफीजुल हसन ने कहा कि मेरे लिये शरीयत बड़ा है। हम कुरान सीने में रखते हैं और हाथ में संविधान। मंत्री ने कहा कि मुसलमानों के लिए शरीयत पहले है, फिर देश का संविधान। इसके बाद विपक्षी भाजपा हमलावर हो गयी और बयान पर सियासी माहौल गरम हो गया। झारखंड भाजपा ने एक्स पर लिखा- जिनके दिल में शरीयत है, उनके लिए पाकिस्तान और बांग्लादेश के दरवाजे खुले हैं। भारत केवल बाबासाहब डॉ भीमराव अंबेडकर के संविधान पर चलेगा और सर्वोच्च रहेगा। वहीं, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप बलमुचू ने मंत्री हफीजुल हसन को ऐसे बयानों से बचने की सलाह दी है। वहीं रामगढ़ से कांग्रेस की विधायक ममता देवी ने कहा कि उनके लिए देश का संविधान ही सबकुछ है। उन्होंने झामुमो कोटे के मंत्री हफीजुल हसन अंसारी के ‘शरीयत फिर संविधान’ वाले बयान पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया।