रांची। झारखंड के वरिष्ठ भाजपा नेता और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार पर गंभीर आरोप लगाये हैं। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने में नाकाम रही है और इस मामले में संवेदनहीन बयानों का सिलसिला भी जारी है। बाबूलाल मरांडी ने रविवार को अपनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट करते हुये कहा 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुये आतंकी हमले ने देश को झकझोर कर रख दिया। देशभर में इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठ रही है। केंद्रीय और राज्य सरकारें आतंकवाद के सफाये के लिये प्रतिबद्ध हैं, लेकिन झारखंड की सरकार इस गंभीर मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है।

मरांडी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का हवाला देते हुये कहा कि उन्होंने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि वे अपने राज्यों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान करें और उन्हें देश से बाहर करें। हालांकि, झारखंड में इस निर्देश को लेकर कोई सख्त कदम नहीं उठाये गये हैं।

झामुमो के मंत्रियों और प्रवक्ताओं द्वारा गैर-जिम्मेदाराना और संवेदनहीन बयान दिये जाने पर बाबूलाल मरांडी ने भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि इस कठिन समय में राज्य के मुख्यमंत्री को राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में ठोस कार्रवाई करनी चाहिये और राज्य में आतंकवाद के खिलाफ कठोर कदम सुनिश्चित करने चाहिये।

पहलगाम आतंकी हमला: एक भयावह घटना
ज्ञात हो कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुये आतंकी हमले ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। आतंकवादियों ने बैसन घाटी में घूमने गये 28 निर्दोष पर्यटकों को गोली मारकर निर्मम हत्या कर दी थी। इस हमले में आतंकवादियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछकर उन्हें निशाना बनाया, जिसके कारण कई परिवारों का जीवन तहस-नहस हो गया। इस हमले के बाद केंद्र सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की और सेना और सुरक्षा एजेंसियों द्वारा लगातार सर्च ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं।

राजनीतिक बयानबाजी और स्थिरता की आवश्यकता
बाबूलाल मरांडी के आरोपों के बावजूद, यह साफ है कि आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई सिर्फ केंद्र सरकार का ही काम नहीं है, बल्कि राज्य सरकारों को भी इस दिशा में अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। झारखंड में विपक्षी दलों द्वारा सरकार पर आलोचनाओं के बाद, राज्य सरकार के लिये यह महत्वपूर्ण समय है कि वह अपने रुख को स्पष्ट करे और आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाये।

मरांडी ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वह राजनीति से ऊपर उठकर राज्य और देश की सुरक्षा के लिये कठोर निर्णय लें और झारखंडवासियों की भावनाओं का सम्मान करें।

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