आजकल आए दिन बच्चों से जुड़ी यौन शोषण की खबरें सामने आती रहती हैं। ऐसे में जरूरी है कि बच्चों को गुड टच और बैड टच के बारे में बताया जाए। लेकिन पैरंट्स के लिए कई बार बच्चों से इस तरह की बातें करना मुश्किल हो जाता है। लिहाजा इन टिप्स को आजमाकर आप भी अपने बच्चों को बड़ी आसानी से सिखा सकती हैं गुड और बैड टच का अंतर-
- आप बच्चों को कहानी के जरिए गुड और बैड टच से अवगत करा सकती हैं। उन्हें सिंपल तरीके से समझाएं कि उन्हें यौन शोषण से कैसे बचकर रहना है। आप बच्चों को कहानी के तौर पर उन्हें आसपास के केस के बारे में भी बता सकती हैं।
2.आजकल समाज में बच्चों के यौन शोषण के इतने केस सामने आते हैं कि बच्चे भी उन्हें टीवी पर देखते हैं। ऐसे में कई बार पैरंट्स टीवी बंद कर देते हैं या चैनल बदल देते हैं। पैरंट्स को ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्हें वह खबरें देखने दें और बाद में उन्हें गुड टच और बैड टच के बारे में बताएं। तभी उन्हें इसकी जानकारी होगी।
3.यौन शोषण से जुड़े विडियो को पहले खुद देंखे और फिर इन्हें बच्चों को दिखाएं। आजकल यौन शोषण के कई विडियो यूट्यूब पर मिल जाएंगे। अपने बच्चे से पहले इस बारे में बात करें और फिर उन्हें विडियो दिखाएं। उसके बाद उन्हें खुद को बचाने के तरीके के बारे में बताएं। यही नहीं इसके बाद बच्चे से पूछें भी कि विडियो देखने के बाद उसे क्या समझ में आया।
4.बच्चों को बैड और गुड टच में अंतर समझाएं। गुड टच वह होता है, जब मां अपनी बच्ची को नहलाते वक्त बिना उसे नुकसान पहुंचाए उसके प्राइवेट पार्ट को छूती है। बैड टच वह है, जब कोई अनजान व्यक्ति या घर का अन्य सदस्य बच्चे के प्राइवेट पार्ट को छूता या उसे नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है।
5.बच्चों को उनके प्राइवेट पार्ट के बारे में सारी जानकारी दें। उन्हें बताएं कि यह अंग प्राइवेट है और इसे छूने का हक किसी को नहीं है। इस तरह बच्चे अलर्ट हो जाएंगे। इसके साथ ही अगर कोई उन्हें छूने की कोशिश करता है तो उसका विरोध करना सिखाएं। बच्चों के अंदर किसी अनजान को मना करने की क्षमता पैदा करें।
6.बच्चों की मां बनकर नहीं उनकी दोस्त बनकर उनसे बात करें। जब आप उनकी दोस्त बनेंगी तभी उन्हें आसानी से गुड व बैड टच समझा सकती हैं। ऐसे में बच्चों को आप पर भरोसा भी होगा और वे आपसे कुछ छिपाएंगे नहीं। बच्चे को सारी बातें बताने के लिए प्रोत्साहित करें। अपने बच्चे और खुद के बीच में कोई गैप न रखें।