रांची: झारखंड में अब योजनाएं बेहाल नहीं होंगी और बारिश के पानी में उन्हें बहने का मौका भी नहीं मिलेगा। राज्य का वित्तीय वर्ष अब एक जनवरी से 31 दिसंबर तक होगा। इस साल दिसंबर में ही वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट पेश किया जायेगा। विभागों को दिसंबर तक हर हाल में राशि खर्च करने का निर्देश दिया गया है। इसकी घोषणा मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को प्रोजेक्ट भवन सभागार में की। वह पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की कार्यशाला का उद्घाटन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि 2018-19 का बजट दिसंबर में पेश होगा। उनके मुताबिक, वित्तीय वर्ष जनवरी से शुरू होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी विभाग दिसंबर तक राशि खर्च करें। गौरतलब है कि नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की गत दिनों दिल्ली में हुई बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वित्तीय वर्ष जनवरी से दिसंबर करने का सुझाव दिया था। पीएम ने राज्य सरकारों से इस दिशा में पहल करने की अपील की थी। इसके बाद मध्य प्रदेश सरकार ने वित्तीय वर्ष जनवरी से शुरू करने का एलान किया था। अब झारखंड यह व्यवस्था लागू करनेवाला देश का दूसरा राज्य बन गया है।

बरसात से प्रभावित नहीं होंगी योजनाएं

विशेषज्ञों का कहना है कि इस व्यवस्था के लागू होने से योजनाएं बरसात में प्रभावित नहीं होंगी। पुरानी व्यवस्था में मार्च में वित्तीय मंजूरी के बाद अप्रैल-मई से राशि आवंटन और निर्माण कार्य शुरू होते थे। जून-जुलाई में बारिश शुरू हो जाने के कारण निर्माण योजनाएं प्रभावित होती थीं और जनता का पैसा पानी में बहता था। अब जनवरी-फरवरी में ही निर्माण कार्य शुरू होने से बरसात में ये प्रभावित नहीं होंगे, बल्कि जून-जुलाई में होनेवाली बारिश से इन्हें और मजबूती मिलेगी।

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