जमशेदपुर: विगत 17-18 मई को बागबेड़ा और सरायकेला में दो गुटों में हिंसक झड़प को सरकार ने गंभीरता से लिया है। घटना के बाद बागबेड़ा और राजनगर के थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही इस घटना की जांच की जिम्मेवारी कोल्हान प्रमंडल के आयुक्त और डीआइजी की टीम को दी गयी है। यह टीम एक महीने में जांच रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी। इधर, सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में गृह सचिव एसकेजी रहाटे ने कहा कि बागबेड़ा और सरायकेला में घटना की जानकारी मिलने के बाद ही पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। इसके बाद भी घटना को अंजाम दिया गया, जो निंदनीय है। अभी तक 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और कई लोगों के साथ पूछताछ की गयी है। साथ ही वाट्सएप ग्रुप के एक ग्रुप एडमिन से भी पूछताछ की जा रही है।
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से सरायकेला, बागबेड़ा और आसपास के कुछ इलाके में बच्चा चोर की अफवाह फैली हुई थी। इस अफवाह की सत्यता की जांच स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने की थी, लेकिन जांच में कुछ भी नहीं मिला। इस अफवाह को समाप्त करने के लिए पुलिस अधिकारियों ने गांव के मुखिया और पंचायत स्तर के पदाधिकारियों के साथ बैठक कर इसे रोकने की अपील की। कहा कि गृह विभाग और पुलिस प्रशासन के साथ मिल कर सरकार की तरफ से अफवाहों को रोकने के लिए बैनर, पोस्टर, टीवी, समाचार पत्र, वाट्सएप ग्रुप आदि के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है। सरकार इस घटना में मरनेवाले लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50 हजार रुपये की राशि देगी।
मीडिया अफवाहों से बचने के लिए प्रेरित करे : डीजीपी
डीजीपी डीके पांडेय ने कहा कि बच्चा चोरी की अफवाह की जांच एडीजी सीआइडी से करायी गयी थी। संबंधित क्षेत्र या आस पास के क्षेत्र में ऐसी किसी भी घटना की जानकारी नहीं मिली। पुलिस सीसीटीवी और वीडियोग्राफी के माध्यम से दंगा फैलानेवाले लोगों को चिह्नित कर रही है। श्री पांडेय ने आश्वासन दिया है कि इस घटना से जुड़े किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जायेगा। कहा कि 20 मई को जमशेदपुर में हुई घटना और सरायकेला तथा बागबेड़ा की घटनाएं बिलकुल अलग हैं। साइबर क्राइम के विषय पर कहा कि इस तरह की अफवाह को फैलाने के लिए वाट्सएप और फेसबुक जैसी सोशल मीडिया का सहारा लिया जाता है। झारखंड पुलिस ऐसे साइबर क्राइम पर लगाम लगाने के लिए अब सभी जिले में साइबर पुलिस थाने को बनाने पर विचार कर रही है। श्री पांडेय ने मीडिया से आग्रह किया कि वे भी लोगों को साइबर क्राइम और अफवाहों से बचने के लिए प्रेरित करे। मौके पर आरके मल्लिक, आइजी संपत मीणा, अजय सिंह सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।