धनबाद: धनबाद के पूर्व डिप्टी मेयर सह कांग्रेस नेता नीरज सिंह हत्याकांड का मुख्य शूटर अमन सिंह उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर से गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने पूछताछ में बड़ा खुलासा करते हुए कबूल किया है कि उसने ही नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या की थी। सूत्रों के अनुसार अमन ने जेल में बंद भाजपा विधायक संजीव सिंह को मुख्य साजिशकर्ता बताया है। हत्याकांड में मुन्ना बजरंगी का नाम भी सामने आया, जो यूपी के बाहुबली मुख्तार अंसारी का काफी करीबी माना जाता है। हत्या में शामिल सभी को मुन्ना बजरंगी ने पैसा पहुंचाया था। अमन ने बताया है कि उसे 50 लाख में नीरज सिंह की हत्या की सुपारी दी गयी थी।
यूपी सुल्तानपुर लभुआ का रहनेवाला शूटर पंकज सिंह ने हत्या के लिए अमन को बुलाया था। घटना में उसके चार साथी शामिल थे। वारदात से पहले उन्हें नाइन एमएम पिस्टल और दो-दो मैगजीन दी गयी थी। हत्या के तुरंत बाद सभी शूटर आसनसोल चले गये थे।
शूटर अमन सिंह की गिरफ्तारी की सूचना पर धनबाद पुलिस की टीम यूपी पहुंच गयी है। दरअसल, यूपी पुलिस को सूचना मिली थी कि अमन और अभिनव बाइक से जेल में बंद शातिर अपराधी रिंकू सिंह से मिलने आने वाले हैं। इस सूचना के बाद घेराबंदी कर अमन को गिरफ्तार कर लिया गया।
उत्तरप्रदेश की पुलिस ने धर-दबोचा
मामले में यूपी एसटीएफ टीम ने मुख्य शूटर अमन सिंह और उसके सहयोगी अभिनव सिंह उर्फ बट्टू को मिजार्पुर से गिरफ्तार किया है। एसटीएफ ने इनके पास से .32 बोर की पिस्टल, 15 कारतूस, एक बिना नंबर की बाइक, 1500 रुपये, छह मोबाइल और 11 सिम कार्ड बरामद किया है। धनबाद पुलिस को भी अमन सिंह की तलाश थी।
राजनाथ से मिले बच्चा सिंह
नीरज सिंह के चाचा बच्चा सिंह और भाई अभिषेक सिंह ने दिल्ली में गृहमंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर सीबीआइ जांच की मांग की है। उनके साथ कांग्रेस नेता सुबोधकांत सहाय भी थे।
कौन है अमन सिंह
अमन सिंह वही है, जिसने जन संदेश टाइम्स के ब्यूरो चीफ करुण मिश्रा की हत्या की थी। फरवरी 2016 में यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तार करके जेल भेजा था। अभिनव सिंह भी फैजाबाद में बैंक की कैश वैन लूटने में शामिल था। अमन और अभिनव रिश्तेदार हैं।
काले कारोबार की साजिश के शिकार बने नीरज सिंह
नीरज सिंह हत्याकांड से परत-दर-परत खुल रही है। सूत्रों के अनुसार नीरज कोयले के काले कारोबार की साजिश के शिकार बन गये। यह भी मामला सामने आया है कि कोयले की अवैध कमाई में सूर्यदेव सिंह के भतीजे नीरज सिंह का बड़ा प्रभुत्व था और कोयला सिंडिकेटरों के बीच एक बड़ा रोड़ा भी। इसी कारण संबंधित कंपनियां भी नीरज के प्रभुत्व से छुटकारा पाना चाहती थीं। कोयला मजदूरों को न्यूनतम स्वीकृत मजदूरी हर हाल में दिलाने जैसी नीरज सिंह की आवाज बहुतों को रास नहीं आ रही थी। हाल के दिनों में यूपी के कई बाहुबलियों की सक्रियता भी कोयला के कारोबार में बढ़ी थी। इसमें झारखंड और उत्तरप्रदेश के कई सफेदपोश लोगों की संलिप्तता नकारी नहीं जा सकती। मुख्तार अंसारी के करीबी मुन्ना बजरंगी हाल के दिनों में यूपी में अपनी दखल बढ़ा रहे थे।
जेल में हैं संजीव सिंह
झरिया विधायक संजीव सिंह नीरज सिंह हत्याकांड में पहले से ही जेल में हैं। पहले धनबाद जेल में थे और सुरक्षा के दृष्टिकोण से उन्हें रांची के बिरसा मुंडा जेल भेजा गया। गिरफ्तारी के बाद से ही उनके परिजनों ने मामले की सीबीआइ जांच की मांग की थी।
यूं रची गयी थी हत्या की साजिश
21 मार्च को धनबाद के थाना सरायढेला क्षेत्र में पूर्व डिप्टी मेयर और कांग्रेस नेता नीरज सिंह और उनके तीन साथियों की हत्या की गयी थी। अपराधियों को बताया गया था कि शाम को नीरज सिंह फार्चूनर गाड़ी से लौटेगा। उसी समय उसका काम तमाम कर देना है। घटना को अंजाम देने के लिए पहले से ही स्पीड ब्रेकर ऊंचा बनवा दिया गया था। गिरफ्तार शूटर अमन सिंह से पूछताछ के बाद पुलिस पंकज और संतोष तक पहुंचना चाह रही है, जिनकी इस हत्याकांड में पुलिस महत्वपूर्ण भूमिका मान रही है। सभी को अंधाधुंध फायरिंग के निर्देश दिये गये थे, ताकि किसी हाल में नीरज सिंह नहीं बच पायें। योजना के तहत अमन तीन साथियों के साथ नियत स्थान पर पहुंचा। जैसे ही नीरज सिंह आये फायरिंग कर दी गयी। वहीं बाइकें छोड़कर बस से आसनसोल चले गये। वहां पंकज सिंह से उनकी मुलाकात हुई। उसने घटना में प्रयुक्त असलहे सबके पास से ले लिये। इसके बाद चारों बक्सर होते हुए बलिया पहुंच गये।
दो और हत्या को देना था अंजाम
शूटर अमन सिंह ने बताया कि मिर्जापुर जेल में बंद रिंकू सिंह ने उसे मिलने के लिए बुलाया था। कहा था कि जेल आ जाना, वहां बंदी रक्षक सुनील तिवारी मिलेगा, जो बिना किसी परेशानी के हमसे मिलवा देगा। रिंकू ने इलाहाबाद और मध्यप्रदेश में दो व्यक्तियों की हत्या की सुपारी देने की बात कही थी। पांच लाख रुपये एडवांस देने का भरोसा दिलाया था। अमन ने बताया कि वाराणसी निवासी उसका साथी ब्रजेश सिंह अयोध्या के उदासीन अखाड़ा में रहता है। ब्रजेश ने अपने विरोधी की हत्या कराने के लिए कुछ दिन पहले उसे अयोध्या बुलाया था। वह अभिनव के साथ अयोध्या गया। दो-तीन दिन रहा, लेकिन जिसकी हत्या करनी थी, वह वहां नहीं मिला।