रांची/गिरिडीह: नक्सली बंद का झारखंड में मिला-जुला असर देखने को मिला। हालांकि बंद के दौरान नक्सलियों ने रविवार को देर रात जमकर उत्पात मचाया। धनबाद-गया रेलखंड के चिचाकी-करमाटांड़ स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक उड़ा दिया। रेलवे ट्रैक के क्षतिग्रस्त हो जाने से कई ट्रेनों का परिचालन घंटों बाधित रहा। वहीं, धावाटांड़ के पास एक बोलेरो और डुमरी-बिरनी बॉर्डर के पास बराकर नदी पर पुल निर्माण में लगे एक पोकलेन को फूंक डाला।
नहीं चली लंबी दूरी की बसें
नक्सली बंदी का सबसे अधिक प्रभाव बस स्टैंडों पर दिखा। लंबी दूरी की बसें नहीं चलीं। नक्सलियों की बंदी का असर रांची-सिमडेगा रूट पर भी देखने को मिला। मुरहू, खूंटी के पास जहां-तहां गाड़ियां खड़ी हो गयीं। इधर, चंदवा, लातेहार, पलामू क्षेत्र में भी वाहनों का परिचालन पूरी तरह बंद हो गया। जमशेदपुर रूट पर भी काफी कम वाहन दिखे।
ग्रामीण इलाकों में बाजार बंद रहे : पुलिस पूरी तरह से चौकस रही। बावजूद इसके नक्सलियों के डर से ग्रामीण इलाकों और छोटे शहरों में दुकानें नहीं खुलीं। खूंटी, गुमला, बुंडू और तमाड़ जैसे इलाकों में बाजार भी प्रभावित रहे। बंद का सबसे ज्यादा असर खनन क्षेत्रों में पड़ा। रांची के खलारी, रामगढ़, हजारीबाग, पलामू और बोकारो के कई खनन क्षेत्रों में खनिज नहीं भेजे जा सके। इससे सीसीएल को करोड़ों का नुकसान बताया जा रहा है।