New Delhi: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का 12वां सीजन खत्म हो गया है। इस सीजन में कई चीजें ऐसी हुईं जो लंबे समय तक याद की जाएगी। अंपायर्स के फैसलों को लेकर चर्चा हो या फिर खिलाड़ियों का रवैया।
धोनी आए मैदान पर
राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ मुकाबले में चेन्नै सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का मैदान पर आकर अंपायर से बहस करने लगे। क्रिकेट के चाहने वालों को कैप्टन कूल का यह रवैया रास नहीं आया। अंपायर उल्हास गांधे ने चेन्नै सुपर किंग्स की पारी के आखिरी ओवर में बेन स्टोक्स की एक गेंद को नो-बॉल करार दिया, जिसे स्क्वेअर लेग अंपायर से बातचीत के बाद बदल दिया गया। धोनी इस बात पर अपना आपा खो बैठे और डग आउट से मैदान में जाकर अंपायरों से बहस करने लगे। धोनी के इस रवैये के कई पूर्व क्रिकेटरों ने आलोचना की। उनके इस रवैये के लिए उन पर 50 फीसदी जुर्माना लगाया गया।
रसेल ने फैसलों पर जताई आपत्ति
कोलकाता की टीम प्लेऑफ तक नहीं पहुंच पाई। हालांकि ऐसी खबरें भी आईं कि टीम में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। आंद्रे रसेल ने आईपीएल में टीम के खराब प्रदर्शन के लिए टीम द्वारा लिए गए ‘खराब फैसलों’ को जिम्मेदार ठहराया था। रसल ने लगातार छह मैच हारने के बाद यह बात कही थी। उन्होंने कहा कि हमारे पास अच्छी टीम है लेकिन खराब फैसले लेने पर जीत नहीं सकते और हमने वही किया है।
नोबॉल विवाद, अंपायर ने तोड़ा गेट
इंडियन प्रीमियर लीग 2019 में अंपायरिंग कई बार विवादों में रही। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर और मुंबई इंडियंस के बीच एक मुकाबले में मैच की आखिरी गेंद को अंपायर ने नो-बॉल नहीं दिया। हालांकि मलिंगा का पैर क्रीज से बाहर था। इसके बाद भी कई बार अंपायरिंग चर्चा में बनी रही। एक मामला इंग्लिश अंपायर नीजल लॉन्ग का एक मामला भी सामने आया। एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में एक मैच के दौरान रॉयल चैंलेजर्स बैंगलोर (RCB) के कप्तान विराट कोहली और अंपायर लॉन्ग के बीच नोबॉल को लेकर बहस हो गई। इस बहस के बाद अंपायर लॉन्ग इतने नाराज हो गए कि उन्होंने हैदराबाद की पारी के अंत में अंपायर रूम के दरवाजे पर गुस्से में किक मार दी। लॉन्ग की किक इतनी तेज थी कि अंपायर रूम का दरवाजा ही डैमेज हो गया।
फिर भटके पोलार्ड
चेन्नै सुपर किंग्स के खिलाफ फाइनल मुकाबले के दौरान जब अंपायर ने एक गेंद को वाइट करार नहीं दिया तो पोलार्ड ने बल्ला हवा में उछाल दिया। अंपायर के इस फैसले से यह कैरेबियाई बल्लेबाज इतना नाराज हुआ कि ट्रेमलाइन के पास जाकर बल्लेबाजी करने लगा। अंपायर ने उन्हें ऐसा करने से रोका। पर पोलार्ड ने सीजन के आखिरी मैच में अंपायरिंग को एक बार फिर चर्चा में ला दिया।