आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर झारखंड के आठ शहरी निकायों का कार्यकाल तीन महीने तक बढ़ाये जाने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि ऐसी सूचना है कि सरकार इन निकायों की कमान अधिकारियों को सौंप सकती है पर ऐसा करना उचित नहीं होगा। क्योंकि प्रशासनिक अधिकारियों पर पहले से ही काम का बोझ अधिक है और ऐसा करने से उनपर और दबाव बढ़ेगा। कोरोना राहत अभियान पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा।

पार्षदों की समझ अधिकारियों से अच्छी
श्री मरांडी ने कहा कि पार्षदों की जमीनी समझ अधिकारियों से कहीं अच्छी होती है और वे संक्रमण के समय में त्वरित गति से परिणाम देने की गारंटी रखते हैं। वहीं आम लोगों के बीच जितने पार्षद सुलभ होते हैं उतने अधिकारी नहीं होते। सरकार को यह भी समझना होगा कि जितने भी सेवाकर्मी और सफाईकर्मी हैं वे स्थानीय होते हैं। इनमें सभी नगर निगम के स्थायी कर्मचारी नहीं हैं। जनप्रतिनिधियों से इनका सरोकार अच्छा रहता है। जनता के लिए भी अधिकारियों की तुलना में जन प्रतिनिधियों के पास पहुंचना कहीं अधिक सुलभ होता है। ऐसे में कोरोना संकट की भयावहता को देखते हुए सभी स्थानीय निकायों का कार्यकाल तीन महीने तक बढ़ा दिया जाना चाहिए। मध्यप्रदेश और बंगाल जैसे राज्यों ने भी अवधि विस्तार किया है।

यह समय राजनीति करने का नहीं
बाबूलाल ने कहा कि यह समय राजनीति करने का नहीं है। अधिकारियों को समझने में काफी समय लगेगा और तब तक कई चीजें हाथ से निकल जायेंगी। इसलिए इस दिशा में त्वरित कदम उठाये जाने की जरूरत है। गौरतलब है कि मई-जून में झारखंड के आठ शहरी निकायों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। कोरोना संकट के कारण स्थिति सामान्य होने तक इन स्थानों पर चुनाव की प्रक्रिया आयोग की ओर से स्थगित कर दी गयी है।

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