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    Home»Breaking News»जीवन और जीविका के बीच संतुलन बहुत बड़ी चुनौती : हेमंत सोरेन
    Breaking News

    जीवन और जीविका के बीच संतुलन बहुत बड़ी चुनौती : हेमंत सोरेन

    azad sipahiBy azad sipahiMay 11, 2020No Comments3 Mins Read
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    वीडियो कांफ्रेंसिंग में पीएम से कई मांगें रखीं हेमंत ने
    मनरेगा की मजदूरी बढ़ायी जाये, गाइडलाइन में छूट मिले
    मजदूरों को जल्द से जल्द घर तक पहुंचाया जाये

    आजाद सिपाही संवाददाता
    रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कई मांगें रखीं। उन्हें बताया कि किस तरह से झारखंड सरकार कोरोना के संक्रमण से लड़ रही है और मजदूरों को कैसे लाया जा रहा है। उन्होंने पीएम से कहा कि झारखंड के लिए राहत की बात यह है कि कोरोना की रिकवरी रेट राज्य में लगभग पचास प्रतिशत है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सोमवार को प्रधानमंत्री के साथ वीडियो कांफ्रेसिंग में अपनी बात रख रहे थे। प्रधानमंत्री के साथ गृह मंत्री अमित शाह और अन्य मंत्री भी बैठे हुए थे जबकि हेमंत सोरेन के साथ मंत्री बन्ना गुप्ता, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, स्वास्थ्य सचिव नितिन मदन कुलकर्णी और ओएसडी गोपाल जी तिवारी सहित अन्य अधिकारी भी थे।

    ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना बेहद जरूरी
    बातचीत की शुरूआत में हेमंत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा कि पहले मजदूरों की नदी राज्य से बाहर बह रही थी और अब यह नदी राज्य में वापसी की ओर है। हालत ये है कि विषम परिस्थितियों में वे रेल की पटरियों से लौट रहे हैं और इसमें कैसे हादसे हो रहे हैं यह आपसे छिपा नहीं है। ऐसे में आपसे अनुरोध होगा कि मजदूरों को उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था जल्द से जल्द की जाये। हालांकि आपने ट्रेन से मजदूरों को लाने की अनुमति जरूर दी है लेकिन वह इतनी सीमित है कि अभी तक हम 21-22 ट्रेन में पचास हजार के करीब मजदूर ही ला पाये हैं जबकि सात लाख से अधिक मजदूर बाहर हैं। वे सभी के सभी डरे हुए हैं। उनके मन से डर निकाला जाये। मैंने पहले भी कहा था कि हमारे यहां समस्या तब होगी जब प्रवासी मजदूर लौटेंगे। अब वे लौटने भी लगे हैं, ऐसे में उनके जीविकोपार्जन के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना बेहद जरूरी है। इसकी सबसे सशक्त कड़ी मनरेगा है। मैं आपसे आग्रह करता हूं कि मनरेगा की गाइडलाइन में कुछ छूट मिले। श्रम दिवस में कम से कम पचास प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की जाये। मनरेगा की मजदूरी भी बढ़ायी जाये। जैसा कि आपको पता है कि झारखंड अधिकांश मामलों में केंद्र पर निर्भर रहा है। अभी तक हमें जीएसटी का कंपनसेशन भी नहीं मिला है।

    खनन का कार्य बंद है
    हेमंत ने कहा कि झारखंड में खनन का कार्य अधिक होता है। वह अभी बंद है। ऐसे में राज्य सरकार के राजस्व के अधिकांश स्रोत बंद हैं। ऐसे में जीएसटी के एक-एक रुपये के लिए हम केंद्र की ओर देखते हैं। मेरा आग्रह होगा कि हमारे लिए भी कुछ संसाधन रखा जाये ताकि उसके जरिये हम राजस्व बढ़ा सकें। सीएम ने कहा कि आज सबसे बड़ी चिंता यही है कि लोगों की जान कैसे बचे। आज की तारीख में जीविका और जीवन के बीच संतुलन बहुत बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि केंद्र सरकार झारखंड को हर संसाधन मुहैया करायेगी और लॉकडाउन के बारे में केंद्र का जो भी निर्णय होगा उस गाइडलाइन को मानेंगे। आपने हमें बात रखने का मौका दिया इसके लिए हम धन्यवाद देना चाहेंगे।

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