नई दिल्ली । तब्लीगी जमात के मुखिया मौलाना साद और मरकज के मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का शिकंजा कसने लगा है। तबलिगी जमात और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक शिकायत पर सीबीआई ने शुरुआती जांच में कहा है कि तबलिगी जमात संगठन का ट्रस्ट अवैध साधनों का उपयोग करके जो नकदी लेनदेन किया गया है, वह संदिग्ध है और सक्षम प्राधिकारी को विदेशी फंड की प्राप्ति का खुलासा भी करता है।
इससे पहले क्राइम ब्रांच ने जांच में पाया है कि मरकज को मध्य-पूर्व के देशों और विदेशियों से भारी मात्रा में पैसे मिले थे। उसी के आधार पर दिल्ली पुलिस 35 देशों के 910 विदेशियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है। प्रवर्तन निदेशालय ने मरकज, इसके प्रमुख मौलाना साद और 8 अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। वित्तीय जांच एजेंसी ने मामले के संबंध में मरकज के कुछ कर्मचारियों के बयान भी लिए हैं।
प्रवर्तन निदेशालय और आईटी विभाग को भी क्राइम ब्रांच मौलाना साद मरकज केस की कई अहम जानकारी सौंप चुकी है और प्रवर्तन निदेशालय ने मौलाना साद मरकज पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया हुआ है। क्राइम ब्रांच के एक अधिकारी के अनुसार सीबीआई को भी सारी जानकारियां सौंप दी गई हैं।
सीबीआई ने हाल में कोरोना वायरस के चलते सुर्खियों में रहने वाले निजामुद्दीन इलाके में स्थित मरकज के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। उसने दिल्ली की क्राइम ब्रांच से मरकज से संबंधित जो जानकारी मांगी थी, वह मिल गई है। दिल्ली पुलिस देश में कोरोना वायरस फैलाने के लिए पहले से ही मरकज के खिलाफ जांच की जा रही है। सीबीआई ने मरकज से संबंधित दस्तावेज क्राइम ब्रांच से ले लिए हैं।
उल्लेखनीय है कि मरकज प्रमुख मौलाना साद पर लॉकडाउन नियमों की अवहेलना करने का आरोप है। साद पर यह भी आरोप है कि उसने हजारों भारतीयों और विदेशियों को प्रोत्साहित कर मरकज के अंदर रहने के लिए कहा। 4300 से अधिक लोगों को कोरोना वायरस के लिए सरकार ने तबलीगी जमात के सदस्यों को जिम्मेदार ठहराया था। निजामुद्दीन के मरकज में धार्मिक समागम में भाग लेने वालों में से कुछ लोग वायरस से संक्रमित होने के बाद मर भी गए थे।
माना जा रहा है कि मौलाना साद पर जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। दिल्ली पुलिस, ईडी, आईटी के बाद अब सीबीआई का शिकंजा भी मौलाना साद और मरकज़ ट्रस्ट पर कसने लगा है। वहीं साद के खिलाफ एनआईए जांच की मांग को लेकर भी हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है। इस पर 18 जून को सुनवाई होगी।