धनबाद में लाखों रुपये की दवा कार्यालय में रखे-रखे खराब होने के मामले को सीएम हेमंत सोरेन ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने मामले की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद जिला प्रशासन रेस हो गया है और दवाओं की डिटेल सिविल सर्जन कार्यालय से मांगी गयी है। बताते चलें कि धनबाद में दवाओं के अलावा बड़े पैमाने पर प्लास्टिक की सामग्री भी आॅफिस में रखे-रखे खराब हो रही है। इस मामले में सीडीपीओ पर सवाल उठ रहे हैं। जिला स्तर पर भी मामले की जांच कराने की बात पूर्व में कही गयी थी, लेकिन अब तक रिपोर्ट को लेकर ही सवाल खड़े होते रहे। बताया जाता है कि धनबाद में गर्भवती महिलाओं को दी जानेवाली जरूरी दवाएं रखे-रखे एक्सपायर हो गयीं। कुछ अधिकारियों का कहना है कि कागजों में इन दवाओं का वितरण कर दिये जाने की बात कही गयी, लेकिन हकीकत कुछ अलग है। एक लाख रुपये के आसपास की दवाएं जस की तस पड़ी हुई हैं। इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्रों को देने के लिए लायी गयी प्लास्टिक की बाल्टी, मग, रजिस्टर और साबुन का मामला भी सामने आया।

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