केंद्र अपने मार्फत लोन देता, तो कम ब्याज देना पड़ता
रांची। मंत्री सह कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा है कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में राज्य अग्रिम पंक्ति में खड़ा है। इस महामारी से निपटने में राज्य को ज्यादा खर्च करना पड़ रहा है, जबकि लॉकडाउन के कारण राजस्व संग्रहण में कमी आयी है, ऐसे में राज्यों को ज्यादा उधारी लेनी पड़ेगी। डॉ उरांव ने कहा कि जब केंद्र सरकार सुधार की बात करती है, तो सबसे यही सुधार होना चाहिए था कि केंद्र अपनी उधार सीमा बढ़ा कर राज्यों को उधार देता। ऐसी स्थिति में यह एक बड़ा रिफार्म होता, क्योंकि राज्यों की उधारी की लागत ज्यादा आती है, यानी उन्हें अधिक ब्याज पर धन जुटाना पड़ता है, जिससे उनकी देयता ज्यादा बढ़ जाती है, जबकि केंद्र को काफी सस्ते में कर्ज मिल जाता है और इसी कर्ज से राज्यों को कर्ज के ही रूप में धन मिलता है। ऐसे में राज्यों को लगभग दो प्रतिशत कम ब्याज लगता। अभी अप्रैल महीने में केरल को 8.96 प्रतिशत और नागालैंड को आठ प्रतिशत की ब्याज दर पर कर्ज जुटाना पड़ा है, जो राज्यों पर भारी बोझ है। मंत्री सोमवार को कांग्रेस निगरानी समिति की बैठक के बाद पत्रकारों से बात कर रहे थे।
मंत्री ने कहा कि कोरोना वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए भारत सरकार के साथ झारखंड भी संघर्ष में साथ खड़ा रहा है। डॉ उरांव ने कहा कि बहुत जल्द हम कोरोना महामारी संक्रमण से बाहर निकलेंगे। पूरे भारत देश में झारखंड इस महामारी को परास्त करने में सबसे पहला राज्य होगा।
लॉकडाउन अवधि का इएमआइ माफ करे केंद्र: आलोक दुबे
रांची। प्रवक्ता आलोक दुबे ने बताया कि प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए मंत्रियों के समूह की बैठक में कई मसलों पर चर्चा हुई है। इसमें केंद्र सरकार से लॉकडाउन अवधि के दौरान सभी प्रकार के इएमआइ को माफ करने और व्याज नहीं लेने की मांग की गयी है। इसमें प्रदीप तुलस्यान, लाल किशोर नाथ शाहदेव, डॉ राजेश गुप्ता छोटू, सन्नी टोप्पो मौजूद थे।