-राहुल गांधी के झारखंड दौरे से पहले ‘विस्फोट’
-इडी ने रांची में नौ जगहों पर की छापेमारी
-पीएस के करीबी ठेकेदार के घर से करीब 4 करोड़ बरामद
-इडी के एडिशनल जाइंट डायरेक्टर भी घटनास्थल पर पहुंचे
-चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी से हो रहे खुलासे
आजाद सिपाही संवाददाता
रांची। कांग्रेस नेता राहुल गांधी मंगलवार को झारखंड दौरे पर आ रहे हैं। इससे एक दिन पहले सोमवार को राज्य में बड़ा ‘विस्फोट’ हुआ। प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने कांग्रेस कोटे के ग्रामीण विकास विभाग के मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव (पीएस) संजीव लाल के सहायक जहांगीर और अन्य के घर से करीब 35 करोड़ रुपये बदामद किये। वहीं, पीएस संजीव लाल के करीबी ठेकेदार मुन्ना सिंह के घर से लगभग चार करोड़ रुपये बरामद हुए। जहांगीर और अन्य जगहों पर छापेमारी में भारी मात्रा में जेवरात भी बदामद हुए हैं। जहांगीर के घर से भारी कैश मिलने की सूचना के बाद एडिशनल जाइंट डायरेक्टर कपिल राज भी उसके आवास पर पहुंचे। उन्होंने बरामद पैसों और अन्य बातों की जानकारी ली।
नौ जगहों पर इडी की छापेमारी:
प्राप्त जानकारी के अनुसार इडी की टीम ने सुबह-सुबह रांची में एक साथ नौ जगहों पर दबिश दी। इसमें संजीव लाल के सहायक जहांगीर के अलावा, ठेकेदार मुन्ना सिंह, सड़क निर्माण विभाग के इंजीनियर विकास कुमार और कुलदीप मिंज समेत अन्य लोगों के ठिकाने शामिल हैं।
नोट गिनने की चार मशीन मंगानी पड़ी:
सूत्रों के मुताबिक नोटों को गिनने के लिए चार मशीनों को मंगाया गया। पहले दो मशीनें जहांगीर के घर पहुंचीं। मशीन नोट गिनते-गिनते गर्म हो गयी। इसके बाद फिर दो मशीनें मंगायी गयीं। वह भी गर्म हो गयी, तब तक दूसरी दोनों मशीनें ठंडी हुई तो उनसे गिनती शुरू की गयी। इस तरह बारी-बारी से देर रात तक नोटों के अंबार को गिना जा सका। नोटों को ले जाने के लिए 12 बक्से मंगाये गये। बक्सों को नोटों से भरा गया और उन्हें एक वैन में सील कर ले जाया गया।
वीरेंद्र राम की गिरफ्तारी से हो रहा खुलासा:
गौरतलब है कि इडी ने 15 नवंबर 2019 में जमशेदपुर में जेइ सुरेश प्रसाद के घर छापेमारी की थी, जिसमें 2.67 करोड़ कैश मिले थे। तब जेइ ने बताया था कि ये पैसा चीफ इंजीनियर वीरेंद्र राम का है। इसके बाद इडी ने 22 फरवरी 2023 को वीरेंद्र राम और उनके सहयोगियों से जुड़े ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की थी। इस छापेमारी में वीरेंद्र राम के ठिकानों से आपत्तिजनक दस्तावेज के अलावा करीब डेढ़ सौ करोड़ की चल-अचल संपत्ति की जानकारी मिली थी। वीरेंद्र राम के सहयोगी चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश मित्तल के ठिकाने से नोटबंदी के पूर्व के 9.46 लाख रुपये के पुराने नोट और आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद हुए थे। इसके बाद 23 फरवरी 2023 को उसे गिरफ्तार किया गया था। तब से वह जेल में हैं। वीरेंद्र राम से इडी कई बार पूछताछ कर चुकी है। पूछताछ में वीरेंद्र राम ने स्वीकार किया कि कमीशन का पैसा मंत्रालय तक जाता था। सूत्रों के मुताबिक इसी कड़ी में इडी को मंत्री आलमगीर आलम के संजीव लाल के बारे में जानकारी मिली, जिस पर जांच के बाद इडी ने सोमवार को कार्रवाई की।
मुख्य सचिव का गोपनीय पत्र नोटों के बंडल से बरामद:
सूत्रों के मुताबिक ग्रामीण विकास विभाग में फैले भ्रष्टाचार को लेकर इडी ने मुख्य सचिव को 9 मई 2023 को एक पत्र लिखा था। उसमें कहा गया था कि गड़बड़ियों की बाबत ग्रामीण विकास विभाग के अफसरों के खिलाफ कार्रवाई हो। मुुख्य सचिव ने इडी के पत्र का संज्ञान लेते हुए ग्रामीण विकास विभाग के सचिव को कार्रवाई करने का आदेश दिया था। यह एक गोपनीय पत्र था। वह पत्र 6 मई को हुई छापेमारी में जहांगीर आलम के निजी सचिव के सहायक के घर से मिला है। इस पत्र का नोट के बंडल के बीच मिलना गंभीर मामला है। इससे जाहिर होता है कि ग्रामीण विकास विभाग के शीर्ष अधिकारी भी संजीव लाल से मिले हुए हैं। इस बात का खुलासा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने भी किया है। उन्होंने मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर सीबीआइ जांच की अनुशंसा करने की मांग की है। बाबूलाल मरांडी ने उस पत्र की प्रति भी शेयर की है।